नई दिल्ली, 27 दिसंबर (The News Air): आम बजट 2025 देश के मध्यम वर्ग और टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है। केंद्र सरकार ने आयकर दरों में छूट देने पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। इस प्रस्ताव के तहत, 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले टैक्सपेयर्स को बड़ा फायदा मिल सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इस पर बड़ी घोषणा कर सकती हैं।
आयकर छूट का प्रस्ताव: रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 15 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स दरों को कम करने या छूट देने पर विचार कर रही है। इससे लाखों टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य न केवल टैक्सपेयर्स को राहत देना है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश को भी बढ़ावा देना है।
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा? : यह प्रस्ताव खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जिनकी आय 10 लाख से 15 लाख रुपये के बीच है। टैक्स बचने से इन लोगों के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिसका उपयोग वे घरेलू खर्च, बचत, या निवेश में कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और मध्यम वर्ग का जीवनस्तर सुधरेगा।
आयकर अधिनियम में संभावित बदलाव: सरकार आयकर प्रणाली को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए नए आयकर अधिनियम पर भी काम कर रही है। वित्त मंत्रालय ने एक रिव्यू कमिटी का गठन किया है, जो आयकर कानून में सुधार के सुझाव देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर नया आयकर कानून तैयार किया जा सकता है। हालांकि, इसे लागू करने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है।
विशेषज्ञों का नजरिया: अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर में छूट से टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और खपत में वृद्धि होगी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया गया था कि टैक्स दरों को कम किया जाए, ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिल सके।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर: आयकर छूट का यह प्रस्ताव भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने की रणनीति का हिस्सा है। एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमानों को घटाया है। ऐसे में, टैक्सपेयर्स को राहत देने से घरेलू खपत में बढ़ोतरी होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को सकारात्मक गति मिलेगी।
आर्थिक विकास में रुकावट की चिंता : सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में अपेक्षित तेजी नहीं आई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और एशियाई विकास बैंक (ADB) दोनों ने अपने विकास अनुमान को घटा दिया है। ADB ने पहले भारत के लिए 7% विकास का अनुमान जताया था, लेकिन अब इसे घटाकर 6.5% कर दिया गया है। वहीं, RBI ने अपने विकास अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है। भारत की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि 5.4% रही, जो जून तिमाही के 6.7% के मुकाबले कम थी। इस संदर्भ में सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए नए उपायों को लागू करे। आयकर में छूट देने और नए टैक्स एक्ट के जरिए सरकार अपने दोहरे उद्देश्य को पूरा करना चाहती है: एक तरफ आम नागरिकों को राहत देना, और दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ाना।
सरकार का दोहरा उद्देश्य: सरकार का उद्देश्य आम नागरिकों को राहत देने के साथ-साथ देश की आर्थिक वृद्धि को भी पटरी पर लाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में भी करदाताओं के हित में कई प्रावधान किए थे।
कब आएगा फैसला? : इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय बजट 2025 से पहले लिया जाएगा। अगर यह लागू होता है, तो यह लाखों करदाताओं के लिए नए साल का तोहफा साबित होगा।
आम बजट 2025 के जरिए सरकार आयकर छूट देकर न केवल टैक्सपेयर्स को राहत देने की तैयारी कर रही है, बल्कि यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।