शिमला, 27 दिसंबर (The News Air): भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्र के महानायक डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल देश बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी शोक की लहर है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में 7 दिन का राजकीय शोक और 2 दिन का सरकारी अवकाश घोषित किया है। इस दौरान प्रदेशभर के सरकारी कार्यालय, स्कूल, और कॉलेज बंद रहेंगे।
Former PM #ManmohanSingh's death: #HimachalPradesh declares holidays on Friday, Saturday (December 27, 28), including for schools and colleges, besides 7-days of mourning. pic.twitter.com/7sFqC9wJdJ
— Saurabh Chauhan (@Saurabhjr) December 27, 2024
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉ. सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक विद्वान प्रधानमंत्री थे, बल्कि हिमाचल प्रदेश के लिए उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनकी नीतियों ने राज्य के विकास को एक नई दिशा दी।”
हिमाचल के साथ डॉ. मनमोहन सिंह का गहरा नाता: डॉ. मनमोहन सिंह का हिमाचल प्रदेश से एक विशेष लगाव था। 28 मई 2005 को उनके ऐतिहासिक शिमला दौरे ने राज्य को कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं। नाथपा झाकड़ी हाइडल प्रोजेक्ट का उद्घाटन उनके विजन का हिस्सा था, जिसने प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने भानुपल्ली से बिलासपुर तक 110 किलोमीटर लंबी रेललाइन परियोजना और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन का सर्वे आरंभ करवाया। नंगल से तलवाड़ा रेललाइन को पूरा करने का उनका आश्वासन प्रदेश के परिवहन विकास की दृष्टि से बेहद अहम था।
विकास की कई उपलब्धियां:
- शिक्षा क्षेत्र में योगदान: हिमाचल की तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों को उन्नत बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की।
- सड़क नेटवर्क: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत 410 पंचायतों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए 200 करोड़ रुपये की विशेष मदद दी।
- पर्यटन को बढ़ावा: कांगड़ा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया, जिससे हिमाचल का पर्यटन और तेज़ी से विकसित हुआ।
- डिजिटल सुविधा: दूरदराज के क्षेत्रों में 20,000 मुफ्त डीटीएच सेट-टॉप बॉक्स देकर डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया।
शिमला विंटर कार्निवाल पर असर: डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, प्रदेश में आयोजित होने वाले शिमला विंटर कार्निवाल के दो सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे, और किसी भी तरह के सांस्कृतिक या मनोरंजन से जुड़े सरकारी कार्यक्रमों पर रोक रहेगी।
राजकीय शोक का महत्व: 7 दिन के राजकीय शोक के दौरान हिमाचल प्रदेश के हर कोने में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, और अन्य प्रमुख नेताओं ने कहा कि यह शोक राज्य के लिए डॉ. सिंह के अतुलनीय योगदान के प्रति एक छोटा सा सम्मान है।
हिमाचल के विकास में डॉ. सिंह का अमूल्य योगदान: डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान हिमाचल के हर वर्ग को प्रभावित करता है। उनके प्रयासों के कारण ही हिमाचल ने शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, और डिजिटल कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय प्रगति की।
प्रदेश के विपक्षी नेता जयराम ठाकुर ने भी डॉ. सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “उनका जीवन सादगी और सेवा का प्रतीक है। हिमाचल उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखेगा।”
अमिट छवि और विरासत:डॉ. मनमोहन सिंह की विद्वता और सादगी ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अमर व्यक्तित्व बनाया। हिमाचल प्रदेश के साथ उनका विशेष जुड़ाव उनकी नीतियों और निर्णयों में साफ झलकता था। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।