“उत्तर प्रदेश के छिपे हुए मंदिरों का खुलासा: संभल, चंदौसी और अन्य जिलों में क्या छिपा था?”

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उत्तर प्रदेश, 24 दिसंबर (The News Air): उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुरानी और बंद पड़ी हुई मंदिरों की खोज में प्रशासन ने हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। इन मंदिरों की खुदाई के बाद अब पूजा शुरू हो चुकी है, और कुछ मंदिरों को फिर से खोला गया है। आइये जानते हैं, यूपी के किन-किन इलाकों में ऐसे पुराने मंदिर मिले हैं जो कभी छिपे हुए थे।

संभल में मिले दो प्राचीन मंदिर : संभल जिले में दो पुराने मंदिरों की खोज हुई है। ये दोनों मंदिर मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित हैं। पहला मंदिर कार्तिकेश्वर मंदिर है, जो 14 दिसम्बर को जामा मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर दूर खग्गूसराय में पाया गया। दूसरा मंदिर हयात नगर के सरायतरीन क्षेत्र में स्थित है। इन मंदिरों को पुनः खोला गया है, और पूजा शुरू कर दी गई है।

अमेठी में 120 साल पुराना शिव मंदिर मिला : अमेठी में एक 120 साल पुराना शिव मंदिर पाया गया है। आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने इस पंच शिखर शिव मंदिर पर कब्जा कर लिया था। स्थानीय लोगों ने एसडीएम को शिकायत पत्र देकर मंदिर में पूजा की अनुमति देने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 40 सालों से इस मंदिर में पूजा पर रोक लगा दी गई थी।

चंदौसी में बांके बिहारी और महादेव का मंदिर फिर से खोला गया : चंदौसी के मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित बांके बिहारी और महादेव के मंदिर को हाल ही में खोला गया है। मंदिर के संरक्षक कृष्णा कुमार ने बताया कि 2010 तक यहाँ पूजा होती थी, लेकिन उस समय भगवान बांके बिहारी की मूर्ति और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। अब प्रशासन ने इन मंदिरों को फिर से खोला है, और यहाँ पूजा-पाठ की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मुजफ्फरनगर में शिव मंदिर खंडहर बन चुका है : मुजफ्फरनगर जिले के लद्धावाला मोहल्ले में स्थित शिव मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस मंदिर की स्थापना 1970 में हुई थी, और यहाँ 1992 तक पूजा होती रही। लेकिन उसके बाद बाबरी मस्जिद विवाद और सांप्रदायिक दंगों के कारण हिंदू समुदाय के लोग यहाँ से पलायन कर गए थे। इस दौरान मंदिर में स्थापित शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी गायब हो गईं।

खुर्जा में 50 साल पुराना मंदिर मिला : बुलंदशहर जिले के खुर्जा में एक 50 साल पुराना मंदिर मिला है। यह मंदिर 1990 के दंगों के बाद बंद पड़ा था। अब हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मंदिर के जीर्णोद्धार की अपील की है, ताकि यहाँ फिर से पूजा शुरू हो सके।

अलीगढ़ में मिले दो पुराने मंदिर : अलीगढ़ जिले के दिल्ली गेट थाना क्षेत्र और बन्नादेवी थाना क्षेत्र में दो पुराने मंदिरों की खोज की गई है। हिंदू संगठनों का दावा है कि उन्होंने शिव मंदिर को खोज निकाला है, जो पहले मुस्लिम बहुल इलाके में छिपा हुआ था। इसके अलावा सराय रहमान इलाके में भी एक और मंदिर मिला है, जिसकी पूजा फिर से शुरू करने की मांग की जा रही है।

कानपुर में मिले थे दो मंदिर : कानपुर में भी मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया था। 1992 के दंगो के बाद से ये मंदिर बंद पड़े रहे। इस दौरान जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारख़ाना चलता मिला था।

काशी में भी मिला मंदिर : काशी के मुस्लिम बहुल इलाके में एक बंद पड़ा मंदिर मिला था। हिंदू संगठन सनातन रक्षक दल ने दावा किया कि मंदिर 250 साल पुराना है और पिछले 40 साल से यहाँ ताला लगा है। इससे पहले यहाँ पूजा होती थी।

उत्तर प्रदेश में हो रही इस खुदाई और मंदिरों की खोज से न केवल इतिहास के नए पन्ने खुल रहे हैं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक पुनर्निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा इन मंदिरों की सुरक्षा और पुनर्निर्माण कार्यों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी अपने धार्मिक धरोहर को पुनः जीवित करने के लिए प्रयासरत हैं।

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