नई दिल्ली,19 दिसंबर (The News Air): कनाडा में परमानेंट रेजिडेंसी (PR) हासिल करना अब और मुश्किल हो गया है। कनाडा सरकार ने LMIA (लेबर मार्केट इंपेक्ट एसेसमेंट) के तहत मिलने वाले 50 अतिरिक्त अंकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका सीधा असर उन आवेदकों पर पड़ेगा, जो पीआर के लिए एक्सप्रेस एंट्री प्रोग्राम के तहत आवेदन कर रहे हैं।
क्या है LMIA और इसका महत्त्व? : LMIA एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जो किसी कंपनी को यह प्रमाणित करने के लिए मिलता है कि जॉब के लिए उसे कनाडाई कर्मचारी नहीं मिला और उसे विदेशी वर्कर को नौकरी पर रखना पड़ा। इससे आवेदकों को वर्क परमिट के साथ-साथ पीआर के लिए सीआरएस स्कोर में 50 अतिरिक्त अंक मिलते थे।
नए नियमों का असर
LMIA आधारित नौकरियों पर निर्भरता कम: अब आवेदकों को सीआरएस स्कोर बढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे।
फर्जी जॉब ऑफर्स पर लगाम: फर्जी नौकरियों के नाम पर होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह क़दम उठाया गया है।
विद्यार्थियों के लिए चुनौतियाँ: विद्यार्थियों को अब पीआर के लिए अतिरिक्त स्कोर लाने के लिए सर्टिफिकेशन और लैंग्वेज टेस्ट जैसे विकल्पों पर काम करना होगा।
क्या हैं विकल्प? : एलएमआईए से जुड़े 50 अंकों के हटने के बाद आवेदकों को सीआरएस स्कोर बढ़ाने के लिए अब अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, अंग्रेज़ी या फ्रेंच भाषा की दक्षता और कार्य अनुभव पर अधिक ध्यान देना होगा।
फर्जीवाड़े पर रोक का प्रयास : LMIA आधारित नौकरियाँ फर्जीवाड़े का माध्यम बन चुकी थीं, जहाँ नौकरियों के फ़र्ज़ी ऑफर लेटर हजारों डॉलर में बेचे जा रहे थे। इस नए बदलाव से असली और योग्य आवेदकों को लाभ मिलेगा।
कनाडा की योजना : इस साल कनाडा 4, 85, 000 लोगों को पीआर देने की योजना पर काम कर रहा है। लेकिन नए नियमों के तहत, फ़र्ज़ी और ग़लत तरीके से आवेदन करने वालों को बाहर रखा जाएगा।