उत्तर प्रदेश,11 नवंबर (The News Air): उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. चुनाव आयोग ने पहले इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान की घोषणा की थी. लेकिन राजनीतिक दलों के अनुरोध पर चुनाव की तारीखों में बदलाव कर दिया. अब यूपी में उपचुनाव के तहत 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. हालांकि, उपचुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल पूरा जोर लगा रही हैं. खासकर मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच है. कांग्रेस समाजवादी पार्टी को समर्थन दे रही है. वहीं, बसपा भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. सभी राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी रणनीति है. लेकिन सत्ता में काबिज बीजेपी ने उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए खास योजना बनाई है. इसके लिए पार्टी और आरएसएस ने योगी आदित्यनाथ के चुनावी प्रचार अभियान को हथियार बनाने का फैसला किया है.
बीजेपी ने यूपी में लोकसभा चुनावों के नतीजों से सबक लेते हुए जातीय समीकरण को साधने की रणनीति बनाई है. यही वजह है कि पार्टी उपचुनाव के प्रचार के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को हर सीट पर ले जाना चाहती है. पार्टी का मानना है कि सीएम योगी की समाजवादी पार्टी, कानून व्यवस्था और हिंदू एकता जैसे मुद्दों पर मुखरता उपचुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाएगी. पिछली बार की तरह पार्टी प्रचार और ध्रुवीकरण के मुद्दों तक ही सीमित नहीं रहना चाहती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी ने सभी मंत्रियों और विधायकों को कहा है कि वह हर सीट पर छोटी-छोटी जातीय बैठकें करें. हर विभिन्न वर्गों से आने वाले राजनेता अपने समाज के बीच जाकर उनको एकजुट करे. इस बार आरएसएस का पूरा समर्थन भी बीजेपी के साथ है. ऐसे में संघ कार्यकर्ता भी जातियों के प्रमुख चेहरों से मुलाकात कर उनको एकजुट करने का प्रय़ास कर रहे हैं.