नई दिल्ली, 01अगस्त (The News Air): आज आए जुलाई के PMI आंकड़ों से बता चलता है कि देश मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में ठोस वृद्धि जारी रही है। हालांकि कि ये जून को 58.5 से घटकर 58.1 पर आ गई है। बता दें कि 50 का स्तर मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी मैन्युफैक्चरिंग PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंगमैन्युफैक्चरिंग की गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है।
जुलाई में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है। उच्च लागत दबावों के बावजूद मांग में ठोस बढ़त के कारण मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में मजबूती आई है। जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग PMI 58.1 पर रही है जो जून के 58.3 से थोड़ा कम है। नए ऑर्डर और उत्पादन दोनों में अच्छी बढ़त देखने को मिली है। इस अवधि में निर्यात में 13 सालों में दूसरी सबसे तेज ग्रोथ देखने को मिली है। बढ़ती लागत, महंगाई के दबाव का संकेत दे रही है।






