नई दिल्ली, 22 जुलाई (The News Air): केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर लगी रोक को हटा दिया है. इस बात का दावा विपक्षी दल कांग्रेस ने किया है और इसकी आलोचना भी की है. हालाँकि सरकार की तरफ से तो इस पर कोई प्रतिक्रया नहीं मिली है, लेकिन बीजेपी के आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने भी सरकारी आदेश का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए काह है कि 58 साल पहले जारी एक असंवैधानिक निर्देश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है.
कांग्रेस ने की बीजेपी की आलोचना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ( DOPT) मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई 2024 को जारी एक आर्डर कॉपी को अपने ‘X’ अकाउंट पर साझा किया, जो आरएसएस के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है.
जयराम रमेश ने कहा, “4 जून 2024 के बाद स्वयंभू गैर-जैविक प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में गिरावट आ जाएगी. 9 जुलाई 2024 को 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया जाएगा, जो श्री वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भी लागू था.”
रमेश ने कहा, “मुझे लगता है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.” उनका इशारा खाकी शॉर्ट्स वाली आरएसएस की वर्दी की ओर था, जिसे 2016 में भूरे रंग की पतलून ने बदल दिया था.
कांग्रेस नेता ने अपने ‘X’ अकाउंट पर 30 नवंबर, 1966 के मूल आदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था.
रमेश ने आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में कहा, “सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद, अच्छे व्यवहार के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था. लेकिन इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया.” रमेश ने कहा कि 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था और ये सही भी था.
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आदेश का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा कि 58 साल पहले केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आदेश वापस ले लिया है.
असंवैधानिक आदेश: बीजेपी
9 जुलाई के आदेश को टैग करते हुए बीजेपी के अमित मालवीय ने कहा, “58 साल पहले 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है.” बीजेपी नेता ने कहा कि मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था.