केंद्र सरकार नहीं चाहती पंजाब का विकास

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Harchand Singh Barast

चंडीगढ़, 29 जून (The News Air) आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रदेश महासचिव एवं पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से ही पंजाब के साथ धक्का करती आई है। मोदी सरकार ने पंजाब के विकास और पंजाबियों की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया है। इसके साथ ही पंजाब के मंडी सिस्टम को खत्म करने की साजिशों में लगी हुई है। इसीलिए वह रूरल डेवलपमेंट फंड (आर.डी.एफ.) करीब 6000 करोड़ रुपये को रोककर पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास रोक रही है। आर.डी.एफ. के पैसों का इस्तेमाल पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मुरम्मत और मंडियों के विकास के लिए प्रयोग किया जाता है, लेकिन फंड रुकने की वजह से ये सभी विकास कार्य रुके हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पहले भाजपा ने पंजाब में मंडी सिस्टम को खत्म करने के लिए तीन काले कानून लागू करने की कोशिश की थी, जिसका किसानों ने बड़े स्तर पर विरोध किया था, जिसके कारण मोदी सरकार को तीनों कानून वापस लेने पड़े थे। इसके बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से पिछले लंबे समय से आर.डी.एफ. जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब में कुल 64878 किलोमीटर लंबाई की लिंक सड़कें हैं। पिछले साल बारिश और बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों की सड़कों को काफी नुकसान हुआ था, जिनकी मरम्मत करना बेहद जरूरी है, लेकिन फंड की कमी के कारण ये सभी काम रुके हुए हैं।

बरसट ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आते ही फंडों के सही इस्तेमाल संबंधी सर्टिफिकेट विधानसभा से पास कराकर केंद्र सरकार को दे दिया था, लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा आर.डी.एफ. रोका हुआ है। फिर भी भाजपा नेता आप सरकार को बदनाम करना चाहते हैं और सर्टिफिकेट न देने का झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिशों में लगे हुए हैं, लेकिन जनता बहुत समझदार हो गयी है और उनकी बातों में नहीं आने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मंडी सिस्टम को खत्म करके सबकुछ कॉरपोरेट घरानों को देना चाहते हैं। इसके साथ ही प्रदेश महासचिव ने पंजाब के बीजेपी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सभी तो पंजाबी हैं, फिर पंजाब के साथ हो रहे धक्के को देखकर भी चुप क्यों हैं। क्यों कभी भी पंजाब के किसानों और मजदूरों के पक्ष में अपनी आवाज नहीं उठाते। भाजपा नेताओं को पंजाब की जनता को इसका जवाब देना होगा।

17406 किमी लंबी लिंक सड़कों की होनी है मरम्मत

उन्होंने बताया कि 2016 से पहले रिपेयर की गई 4624 कि.मी. लंबाई की लिंक सड़कों की रिपेयर 2022 से डियू पड़ी है, जिसके लिए लगभग 719 करोड़ रुपये के फंड की आवश्यकता है। इसी तरह 2017 से पहले मरम्मत की गई 9241 कि.मी. लंबाई की लिंक सड़कों की मरम्मत 2023 से डियू है, जिस पर लगभग 1572 करोड़ रुपये और 2018 से पहले मरम्मत की गई 3541 किलोमीटर लंबाई की लिंक सड़कों की मरम्मत 2024 में रिपेयर के लिये डियू हो गई हैं, की रिपेयर पर लगभग 601 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इस प्रकार वर्तमान में पंजाब राज्य में 17406 किलोमीटर लंबाई की 8105 लिंक सड़कें अपनी निर्धारित अवधि पूरी कर चुकी हैं और इन सड़कों की हालत खस्ता होने के कारण इनकी मरम्मत के लिए लगभग 2892 करोड़ रुपये के फंडों की आवश्यकता है। लेकिन केंद्र सरकार ने आर.डी.एफ. के पैसे रोक कर लिंक सड़कों की मरम्मत का काम रोक दिया है, पर अब पंजाब सरकार लोगों की समस्याओं को मुख्य रखते हुए इन सड़कों की मरम्मत के लिए 1800 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है, ताकि गांव के लोग समस्याओं को दूर किया जा सके।

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