Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) से पहले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party – AAP) को बड़ा झटका लगा है। वोटिंग से महज पांच दिन पहले AAP के 7 विधायकों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इनमें जनकपुरी (Janakpuri), महरौली (Mehrauli), त्रिलोकपुरी (Trilokpuri), पालम (Palam) और कस्तूरबा नगर (Kasturba Nagar) के विधायक शामिल हैं। इन सभी ने पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तानाशाही का आरोप लगाया है।
1. जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि ने पार्टी को बताया ‘अनियंत्रित गिरोह’
AAP से दो बार विधायक रहे राजेश ऋषि (Rajesh Rishi) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को भेजे अपने पत्र में लिखा:
“AAP अब भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तानाशाही का पर्याय बन चुकी है। संतोष कोली (Santosh Koli) के बलिदान के साथ अन्याय हुआ और उनके हत्यारे को टिकट दे दिया गया। यह कार्यकर्ताओं और जनता के साथ विश्वासघात है।”
2. महरौली के विधायक नरेश यादव ने भी छोड़ी पार्टी
महरौली (Mehrauli) से तीन बार विधायक रहे नरेश यादव (Naresh Yadav) ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था, लेकिन अब वही भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है।
यादव को हाल ही में पंजाब की एक अदालत ने कुरान बेअदबी मामले (Quran Desecration Case) में दोषी ठहराया था। हालांकि, उन्होंने ऊपरी अदालत से इस फैसले पर स्टे ले लिया। पार्टी ने पहले उन्हें टिकट दिया था लेकिन विवाद बढ़ने पर टिकट वापस ले लिया। कांग्रेस (Congress) और AIMIM ने इस मुद्दे को मुस्लिम मतदाताओं के बीच उछालना शुरू कर दिया था, जिससे AAP पर दबाव बढ़ गया।
3. त्रिलोकपुरी के दलित नेता रोहित कुमार महरौलिया भी हुए बागी
त्रिलोकपुरी (Trilokpuri) से AAP के विधायक और दलित नेता रोहित कुमार महरौलिया (Rohit Kumar Mehraulia) ने भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक्स (Twitter) पर इस्तीफे की कॉपी शेयर करते हुए लिखा:
“जिन्हें बाबा साहब की सिर्फ तस्वीर चाहिए, उनके विचार नहीं, ऐसे अवसरवादी लोगों से मेरा नाता खत्म!”
4. पालम से विधायक भावना गौड़ भी हुईं नाराज
पालम (Palam) से विधायक भावना गौड़ (Bhavna Gaur) ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब उनका अरविंद केजरीवाल और पार्टी में कोई भरोसा नहीं रहा।
5. कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल का भी टूटा भरोसा
कस्तूरबा नगर (Kasturba Nagar) से AAP विधायक मदन लाल (Madan Lal) ने भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि “AAP में अब न ईमानदारी बची है और न ही लोकतंत्र।”
चुनाव से पहले क्यों उठ रही हैं बगावत की आवाज़ें?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि AAP में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी ने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है, जिससे नाराज होकर विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं।
इसके अलावा, आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप भी लग रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है।
क्या यह इस्तीफे AAP के लिए बड़ा संकट हैं?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में एक साथ 7 विधायकों का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अगर बगावत का यह सिलसिला जारी रहा तो AAP को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि अरविंद केजरीवाल इस संकट से कैसे निपटते हैं और क्या ये नाराज नेता किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।






