नई दिल्ली, 01 जनवरी (The News Air) 26/11 के मुम्बई आतंकी हमलों में शामिल पाकिस्तान मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। अमेरिकी अदालत ने राणा की याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने भारत में प्रत्यर्पण का विरोध किया था। अदालत ने माना कि भारत ने राणा के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत किए हैं।
कौन है तहव्वुर राणा? : राणा, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है, पर मुम्बई हमलों में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है। राणा ने मुम्बई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी। हेडली ने हमले से पहले मुम्बई के प्रमुख स्थानों की रेकी की थी।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर अमेरिकी अदालत का फैसला: अगस्त 2024 में अमेरिकी अदालत ने फैसला सुनाया कि तहव्वुर राणा को भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत सौंपा जा सकता है। अदालत ने कहा कि राणा के खिलाफ भारत में लगाए गए आरोप अमेरिकी अदालतों में उनके खिलाफ चलाए गए मामलों से अलग हैं। इसीलिए “Non-Bis in Idem” अपवाद लागू नहीं होता।
कैसे हुई गिरफ्तारी? :26/11 हमलों के एक साल बाद, 2009 में एफबीआई ने शिकागो में तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि राणा और हेडली ने मिलकर हमलों की योजना बनाई थी और पाकिस्तान के आतंकवादियों को इसका खाका दिया था।
भारत लाने की प्रक्रिया जारी: भारत के राजनयिक चैनलों के माध्यम से तहव्वुर राणा को लाने की प्रक्रिया जारी है। राणा का नाम मुम्बई पुलिस की चार्जशीट में दर्ज है, जिसमें उसे आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाने वाला बताया गया है।
26/11 हमले: एक दर्दनाक याद : 26 नवंबर, 2008 को मुम्बई में हुए इन आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। तहव्वुर राणा की भारत में वापसी न केवल न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी एक बड़ा संदेश होगा।