Punjab Job Recruitment : पंजाब (Punjab) के सरकारी कॉलेजों में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों (Assistant Professors) की भर्ती रद्द होने के मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। पंजाब सरकार (Punjab Government) ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। इस याचिका के माध्यम से राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से अपने 14 जुलाई 2025 के उस आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया है, जिसके तहत इस भर्ती को रद्द कर दिया गया था।
सरकार ने कोर्ट से क्या मांग की?
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आग्रह किया है कि जब तक राज्य में नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक इन 1158 सहायक प्रोफेसरों और पुस्तकालयाध्यक्षों (Librarians) की सेवाओं को अस्थायी रूप से जारी रखने की अनुमति प्रदान की जाए। इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने बताया कि सरकार ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है ताकि कॉलेजों में पढ़ाई का नुकसान न हो। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार अन्य सभी संभावित कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला अगस्त 2022 में शुरू हुआ, जब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने नियमों का सही ढंग से पालन न होने का हवाला देते हुए 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों (Assistant Professors) की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इस भर्ती को कुछ उम्मीदवारों ने चुनौती दी थी। हालांकि, सरकार इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) की डबल बेंच में गई, जहां सरकार की दलीलों को मानते हुए भर्ती के पक्ष में फैसला आया था।
सरकार ने दलील दी थी कि कॉलेजों में प्रोफेसरों की भारी कमी है, जिससे छात्रों का करियर प्रभावित हो रहा है। इस फैसले के बाद भर्ती प्रक्रिया में चयनित 484 लोग ज्वाइन भी कर चुके थे, लेकिन उन्हें न तो पोस्टिंग मिली और न ही वेतन। बाद में, हाईकोर्ट (High Court) के इस फैसले के खिलाफ एक पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई को भर्ती को रद्द करने का आदेश सुनाया था। अब इसी आदेश पर पुनर्विचार के लिए सरकार ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।






