पूर्व जत्थेदार के दिल्ली यारी बयान पर राजोआना भड़के

0
राजोआना

अमृतसर (The News Air) श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के पद संभालने के बाद पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से दिए गए बयान पर जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने ऐतराज जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी राजोआना को पूर्व जत्थेदार के दिल्ली से यारी, यारी है तो है… बयान पसंद नहीं आया और सवाल खड़े कर दिए हैं।

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह।

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह।

कमलदीप कौर राजोआना ने अपने भाई बलवंत सिंह राजओना की तस्वीर के साथ इस ऐतराज को अपनी फेसबुक पोस्ट पर शेयर किया है। बलवंत सिंह राजोआना ने इस पोस्ट में कहा- खालसा जी, हमारा जीवन हमारे गुरु साहिबान जी की गद्दी को समर्पित है। मीरी पीरी के मालिक छठे पातशाह साहिब श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब जी के तख्त श्री अकाल तख्त साहिब जी तोपों से नष्ट किया गया, पंजाब और दिल्ली की सड़कों पर मारे गए हजारों निर्दोष सिखों की हत्या के बाद हमारे भाई घरों से चले गए, जो आज तक वापस नहीं आए हैं।

खालसा जी, आज जब उसी तख्त के सिंह साहिब श्री अकाल तख्त साहिब जी पर बैठते हैं और हंसते हैं और कहते हैं “हमारी दिल्ली से दोस्ती है, अगर है तो है। हम यहां कहना चाहते हैं, सिंह साहिबान जी, हम आपकी यारी को पंथ हितों के पहरेदार तब कहते, अगर 2019 में श्री गुरु नानक पातशाह जी के 550वें प्रकाश पर्व पर बंदी सिखों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को लागू करते, 1984 का न्याय लिया होता।

यदि आप श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती पर केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली लाल किले पर आयोजित समारोह में शामिल होते और वहां राष्ट्रीय न्याय और राष्ट्रीय हितों के बारे में बात करते। आपने उस धार्मिक आयोजन का बहिष्कार करके और राघव चड्ढा की सगाई में शामिल होकर कौन से धार्मिक हितों की रक्षा की है, हमारी समझ में नहीं आता।

सिंह साहिब जी, आपका धार्मिक रक्षक उस समय संदिग्ध होता है जब आप दिवंगत कांग्रेस मुख्यमंत्री के बेटे की शादी में शामिल होते हैं, जिसने श्री अकाल तख्त साहिब जी को नष्ट कर दिया। हजारों निर्दोष सिखों का हत्यारा और प्रार्थना करके धार्मिक हितों के साथ विश्वासघात किया। पैसे कमाएं। आपकी चौकसी भी संदिग्ध है, जब आप डेरा मुखी को बार-बार मिल रही पैरोल को भी नहीं रुकवा पाए, जिसके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब जी ने आदेश जारी किया है।

सिंह साहिब जी, आपने 6 जून को अपने संदेश में कहा था कि हमें झोली फैला कर न्याय मांगने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये शासक न्याय नहीं करेंगे। अब दिल्ली के शासक कौम को न्याय ही नहीं देंगे तो उनसे आपकी दोस्ती, हमें पंथ के हितों की कोई परवाह नहीं, लेकिन आपकी यह दोस्ती खालसा पंथ के साथ गद्दारी लगती है।

जब हम राष्ट्रीय पीड़ा और राष्ट्रीय भावनाओं से पीड़ित लोगों को, समुदाय पर हुए भयानक अत्याचारों को भूलकर, श्री अकाल तख्त साहिब जी पर बैठकर हंसते हुए देखते हैं, तो हमारे मन को पीड़ा होती है।

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments