Zee Entertainment Share Price: विदेशी ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) ने जी एंटरटेनमेंट के शेयर को 150 रुपये के टारगेट के साथ ‘होल्ड’ रेटिंग दी है। इस रिपोर्ट के बाद गुरुवार 18 जुलाई को ZEE के शेयर 7 फीसदी तक टूट गए। NSE पर सुबह करीब 10.15 बजे, जी एंटरटेनमेंट के शेयर 6.77 फीसदी की गिरावट के साथ 145 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी को हाल ही में विभिन्न तरीकों से 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिली है। इसमें इक्विटी शेयर जारी करने और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) का तरीका भी शामिल है।
ZEE ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया, “2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए सिक्योरिटीज के जारी करने” का स्पेशल प्रस्ताव कुल मतदान के 78.83 प्रतिशत वोटों से पारित हुआ।” CLSA के एनालिस्ट्स के मुताबिक, कंपनी के पास पहले 1,200 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है और उसकी कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरत भी कम है। इसके बावजूद ZEE के फंड जुटाने की योजना पर आगे बढ़ने के फैसले ने कुछ सवाल खड़े किए हैं।
CLSA की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘Zee5’ में अपने अधिकतम निवेश को पार कर लिया है और वर्किंग कैपिटल की जरूरत को पूरा कर लिया है। हालांकि, CLSA ने कहा कि भारत के मीडिया सेक्टर में कॉम्पिटीशन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिलायंस और वॉल्ट डिज्नी का एक ज्वाइंट वेंचर भी आने वाला है, जो इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
इसके अलावा, ब्रोकरेज ने कहा कि ZEE मे प्रमोटर शेयरहोल्डिंग मात्र 4 प्रतिशत है, जो कंपनी के लिए चुनौती बना हुआ है।
ZEE एंटरटेनमेंट के शेयरों में पिछले साल 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। वहीं इस साल अबतक यह शेयर करीब 48 प्रतिशत गिर चुका है। कंपनी के शेयरों में इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह सोनी के साथ इसका मर्जर डील टूटना था। सोनी ग्रुप ने कहा कि ZEE ने मर्जर से जुड़ी शर्तों का पालन नहीं किया है, जिसके चलते वह इस डील से पीछे हट गई है।
हालांकि ZEE ने समझौते का उल्लंघन करने से इनकार किया है। मर्जर डील टूटने के बाद मई में ZMCL के सीईओ अभय ओझा ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।