Unclaimed Money in India – भारत के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में करीब 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लावारिस रकम (Unclaimed Money) पड़ी है। यह वह पैसा है जिसे लोग भूल चुके हैं, लेकिन अब सरकार एक विशेष अभियान चलाकर इसे असली मालिकों तक पहुँचाने की कोशिश कर रही है।
Unclaimed Money in India के इस विशाल भंडार में बैंकों में लगभग 78,000 करोड़ रुपये, बीमा कंपनियों में करीब 14,000 करोड़ रुपये, म्यूचुअल फंड में लगभग 7,000 करोड़ रुपये और डिविडेंड के रूप में 7,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि करोड़ों परिवारों की मेहनत की कमाई है, जो सरकारी फाइलों में बंद पड़ी है।
PM मोदी की अपील और सरकार की पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जनता से अपील की है कि वे अपने पुराने, बंद या भूले हुए बैंक खातों, बीमा पॉलिसी, शेयर, डिविडेंड या म्यूचुअल फंड की जानकारी लें और अपना पैसा क्लेम करें। सरकार ने ‘आपका पैसा आपका अधिकार’ नामक पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य इस लावारिस रकम को उसके सही हकदारों तक पहुँचाना है। प्रधानमंत्री का कहना है कि यह पैसा लोगों का अधिकार है और उन्हें वापस मिलना चाहिए।
क्यों फंसा है लोगों का पैसा?
देश में करोड़ों ऐसे खाते हैं जिन्हें लोग भूल चुके हैं। कई बार अकाउंट बदलने, शहर बदलने या नौकरी बदलने के कारण पैसा पुराने खातों में ही छूट जाता है। कई मामलों में, परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद उनके निवेश की जानकारी परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं होती, जिससे वह रकम लावारिस हो जाती है।
कैसे ढूंढें अपना भूला हुआ पैसा?
सरकार ने लोगों की मदद के लिए विभिन्न पोर्टल्स बनाए हैं, जहाँ आप आसानी से अपने भूले हुए पैसे की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
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RBI का उद्गम पोर्टल (UDGAM Portal): यहाँ आप सेकंड्स में अपने नाम पर पड़े पुराने बैंक डिपॉजिट चेक कर सकते हैं।
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IRDAI का बीमा भरोसा पोर्टल: इस पोर्टल पर भूली हुई लाइफ इंश्योरेंस या हेल्थ पॉलिसी की जानकारी मिल सकती है।
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SEBI का मित्र पोर्टल: यहाँ म्यूचुअल फंड, डीमैट अकाउंट या अन्य सिक्योरिटीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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MCA का IEPFA पोर्टल: पुराने शेयर, डिविडेंड और बोनस शेयर को इस प्लेटफॉर्म के जरिए क्लेम किया जा सकता है।
यह सभी पोर्टल्स ऑनलाइन हैं और इनका इस्तेमाल करना बेहद आसान और मुफ्त है।
देशभर में लग रहे हैं कैंप
सरकार सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल्स तक ही सीमित नहीं है। देश भर में 477 फैसिलिटेशन कैंप्स (Facilitation Camps) लगाए गए हैं, जो शहरी इलाकों से लेकर दूरदराज के गाँवों तक फैले हुए हैं। इन कैंपों में अधिकारी लोगों को समझाते हैं कि वे अपना पैसा कहाँ और कैसे क्लेम कर सकते हैं। इन शिविरों में बुजुर्ग महिलाएँ और ग्रामीण परिवार बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इस अभियान का सकारात्मक असर भी दिखने लगा है। अब तक करीब 2,000 करोड़ रुपये लोगों की जेबों में वापस जा चुके हैं।
‘आपका पैसा आपका अधिकार’
यह पहल सिर्फ पैसे वापस दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता भी प्रदान करती है। सोचिए, किसी बुजुर्ग की सालों पुरानी एफडी आज उनके इलाज में काम आ जाए, या किसी विधवा महिला को पति की बीमा राशि मिल जाए, या किसी बच्चे की पढ़ाई भूले हुए शेयरों से पूरी हो जाए। यही इस पहल का असली मकसद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा है कि जो आपका है, वह आपको मिलना ही चाहिए और सरकार इसके लिए पूरी कोशिश कर रही है। इसलिए, थोड़ा वक्त निकालकर सरकारी पोर्टल्स पर जरूर चेक करें, क्योंकि हो सकता है आपका ही पैसा बैंकों में पड़ा आपका इंतजार कर रहा हो और रातोंरात आपकी किस्मत बदल जाए।
मुख्य बातें (Key Points)
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भारत में बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लावारिस रकम पड़ी है।
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इसमें बैंकों में 78,000 करोड़ रुपये, बीमा में 14,000 करोड़ रुपये और म्यूचुअल फंड में 7,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
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सरकार ‘आपका पैसा आपका अधिकार’ अभियान के तहत इस पैसे को असली मालिकों तक पहुँचा रही है।
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RBI का उद्गम, IRDAI का बीमा भरोसा, SEBI का मित्र और MCA का IEPFA जैसे पोर्टल्स पर जानकारी उपलब्ध है।
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देशभर में 477 कैंप लगाकर लोगों को पैसा क्लेम करने में मदद की जा रही है।
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अब तक करीब 2,000 करोड़ रुपये लोगों को वापस किए जा चुके हैं।






