मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा “डीआरआई द्वारा जांच पूरी होने के बाद, मेसर्स शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिनांक 01.04.2017 से 30.06.2020 की अवधि के दौरान 653 करोड़ रुपये की ड्यूटी की मांग और वसूली के लिए तीन कारण बताओ नोटिस (शो कॉज़ नोटिस) जारी किए गए हैं।”
जैसा कि हमने बताया, DRI द्वारा देश के कई शहरों में मौजूद Xiaomi India के ऑफिसों में तलाशी ली गई थी, जिसमें निदेशालय के अनुसार, कई आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट बरामद किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, इसमें पता चला है कि Xiaomi India, Qualcomm US और बीजिंग स्थित Xiaomi Mobile Software को दिए जाने वाली रॉयल्टी और लाइसेंस फीस को संविदात्मक दायित्व के तहत भेज रही थी।
DRI द्वारा की गई जांच में आगे पता चला है कि Xiaomi India ‘MI’ ब्रांड के मोबाइल फोन की सेल से जुड़ा हुआ है और ये मोबाइल फोन या तो Xiaomi India द्वारा आयात किए जाते हैं या शाओमी इंडिया के क्रान्ट्रैक्ट निर्माताओं द्वारा मोबाइल फोन के पुर्जों और कंपोनेंट का आयात करके भारत में असेंबल किए जाते हैं। इन निर्माताओं द्वारा बनाए गए MI ब्रांड के मोबाइल फोन कॉन्ट्रैक्ट समझौते के जरिए विशेष रूप से Xiaomi India को बेचे जाते हैं।
डीआरआई द्वारा जांच के दौरान मिले सबूतों से संकेत मिलता है कि Xiaomi India और इसके कॉन्ट्रैक्ट निर्माता शाओमी इंडिया और क्रॉन्ट्रैक्ट निर्माताओं द्वारा आयात किए गए माल के आकलन योग्य मूल्य में शाओमी इंडिया द्वारा भुगतान की गई रॉयल्टी की राशि को शामिल नहीं कर रहे थे, जो कि कस्टम एक्ट, 1962 के सेक्शन 14 और कस्टम वैल्यूएशन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 का उल्लंघन है।
Xiaomi India के प्रवक्ता ने कहा है कि “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हम सभी भारतीय कानूनों का पालन करते हैं। फिलहाल हम नोटिस की विस्तार से समीक्षा कर रहे हैं। एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अधिकारियों का समर्थन करेंगे।”