DDoS Attack – सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) सोमवार को 24 घंटे के अंदर तीन बार डाउन हो गया, जिससे यूजर्स को लॉगिन और पोस्ट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस पर Elon Musk ने साइबर अटैक का दावा किया है। मस्क का कहना है कि X पर या तो किसी बड़े ग्रुप या किसी देश ने अटैक किया है। हालांकि, उन्होंने इसका कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि X पर DDoS (Distributed Denial of Service) अटैक हुआ था, जो किसी भी वेबसाइट या सर्वर को भारी ट्रैफिक से ओवरलोड करके डाउन करने की एक तकनीक है।
X हुआ डाउन, यूजर्स को हुई परेशानी
X पर बीते 6 घंटों में तीन बार आउटेज देखने को मिला, जिससे दुनियाभर के यूजर्स प्लेटफॉर्म पर लॉगिन नहीं कर पाए। इस समस्या का असर मंगलवार सुबह तक जारी रहा। कई यूजर्स ने पोस्ट लोड न होने और फीड अपडेट न होने की शिकायत की।
क्या है DDoS साइबर अटैक?
DDoS (Distributed Denial of Service) Attack एक खतरनाक साइबर हमला है, जिसमें किसी भी वेबसाइट, नेटवर्क या सर्वर पर अचानक से भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजा जाता है। इससे सर्वर लोड को हैंडल नहीं कर पाता और क्रैश हो जाता है।
- इस अटैक के दौरान एक ही समय में कई डिवाइस या बॉटनेट (Botnet) का उपयोग किया जाता है, जिससे टारगेट सिस्टम पूरी तरह ठप हो जाता है।
- बैंक सर्वर, सरकारी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अक्सर इस हमले का शिकार होते हैं।
बड़े प्लेटफॉर्म पर क्यों होते हैं DDoS हमले?
- X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों यूजर्स का डेटा स्टोर रहता है।
- बैंकिंग और सरकारी वेबसाइट्स पर भी DDoS अटैक का खतरा अधिक होता है।
- साइबर अपराधी अक्सर इस तकनीक का इस्तेमाल महत्वपूर्ण डेटा चोरी करने या सर्वर को कमजोर करने के लिए करते हैं।
कैसे काम करता है DDoS Attack?
- हमलावर पहले बॉटनेट नेटवर्क तैयार करता है, जिसमें कई डिवाइसेस मैलवेयर से संक्रमित की जाती हैं।
- इसके बाद, हमलावर एक ही समय में सर्वर पर लाखों रिक्वेस्ट भेजता है, जिससे उसकी CPU, बैंडविड्थ और मेमोरी पर भारी लोड पड़ता है।
- परिणामस्वरूप, साइट स्लो हो जाती है या पूरी तरह से क्रैश हो जाती है।
DDoS हमले से बचाव कैसे किया जाता है?
- फायरवॉल और IPS (Intrusion Prevention System) को मजबूत करना।
- अचानक बढ़े ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए दर सीमित करना।
- CDN (Content Delivery Network) का उपयोग करना, जिससे ट्रैफिक का लोड बैलेंस किया जा सके।
- सर्वर सिक्योरिटी को अपग्रेड करना और साइबर सुरक्षा उपाय अपनाना।
X पर हुए इस अटैक से साफ है कि साइबर सुरक्षा आज के समय में कितनी जरूरी हो गई है। यदि X पर सच में DDoS हमला हुआ है, तो यह एक चिंताजनक विषय है। इससे न सिर्फ यूजर्स को परेशानी हुई, बल्कि प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता भी प्रभावित हो सकती है।