Wipro Layoff: देश की शीर्ष आईटी कंपनियों में से एक विप्रो (Wipro) ने अपने सैंकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक निकाले गए सभी कर्मचारी फ्रेशर्स थे और इन्हें इंटरनल टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद निकाला गया है। विप्रो ने मीडिया पोर्टलों के सवालों के जवाब में बताया, “हमें 452 फ्रेशर्स को नौकरी से निकालना पड़ा क्योंकि उन्होंने ट्रेनिंग के बाद भी बार-बार टेस्ट में खराब प्रदर्शन किया।” निकाले गए सभी कर्मचारियों को उनका टर्मिनेशन लेटर मिल गया है। लेटर में कहा गया है कि कंपनी ने सभी एंप्लॉययी के ट्रेनिंग पर 75,000 रुपये खर्च किए हैं जो शर्तों के मुताबिक टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें चुकाने हैं, लेकिन कंपनी ने इस रकम को माफ कर दिया है।
कंपनी ने जारी एक बयान में कहा, “विप्रो में हमने खुद के लिए उच्चतम मानक बनाए हैं, जिन पर हम गर्व महसूस करते हैं। अपने लिए निर्धारित इन मानकों के अनुरुप, हम कंपनी में आने वाले सभी नए कर्मचारी से यह उम्मीद करते हैं वह निर्धारित कार्य के एरिया में एक निश्चित दक्षता हासिल करे। इसके लिए हम उन्हें ट्रेनिंग भी देते हैं।”
विप्रो ने आगे कहा, “इसके बाद कर्मचारियों को एक मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमें संगठन के उद्देश्यों और हमारे क्लाइंट्स की जरूरतों को ध्यान में असेसमेंट होता है। परफॉर्मेंस मूल्याकांन के इस व्यवस्थित प्रक्रिया के बाद कई कदम उठाए जाते हैं। इसमें मेंटर मुहैया कराना और रिट्रेनिंग आदि शामिल हैं। कई बार कुछ कर्मचारियों को कंपनियों से जाने देने का कड़ा फैसला भी लेना पड़ता है।”
इस बीच विप्रो के शेयर शुक्रवार 20 जनवरी को बीएसई पर 0.05 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 403.15 रुपये के भाव पर बंद हुए। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 3.46% की तेजी आई है। हालांकि पिछले एक साल में इसका भाव करीब 33 फीसदी नीचे आया है।
मिले-जुले रहे दिसंबर तिमाही के नतीजे
विप्रो के दिसंबर तिमाही के नतीजे मिले-जुले रहे हैं। वित्त वर्ष 2023 की दिसंबर को समाप्त तिमाही के लिए कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 15% बढ़कर 3,053 करोड़ रुपये रहा। वहीं कंपनी की आय तिमाही आधार पर 3.1% की बढ़ोत्तरी के साथ 23,055.7 करोड़ रुपये रही।