Ludhiana West By-election – पंजाब (Punjab) की राजनीति में हलचल उस समय तेज हो गई जब कांग्रेस (Congress) ने भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) को लुधियाना पश्चिम (Ludhiana West) से होने वाले उपचुनाव के लिए आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह एलान शुक्रवार रात एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल (K.C. Venugopal) द्वारा जारी पत्र के माध्यम से हुआ। इस फैसले के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने आशु को बधाई दी और वादा किया कि वे चुनाव तक लुधियाना में ही रहेंगे।
पूर्व मंत्री आशु को टिकट मिलने के बावजूद, उनकी राह इतनी आसान नहीं मानी जा रही। इसकी सबसे बड़ी वजह है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Amrinder Singh Raja Warring) से उनका मतभेद। यह मतभेद उस वक्त खुलकर सामने आया जब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में लुधियाना सीट के लिए आशु प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट वड़िंग को दे दी गई। इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच दूरी बनी हुई है।
लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू में आशु ने वड़िंग का साथ दिया, लेकिन बाद में वह प्रचार से दूर हो गए। यहां तक कि वड़िंग के कार्यालय उद्घाटन और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे नहीं पहुंचे। हाल ही में साउथ सिटी (South City) में हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक में भी वड़िंग की अनुपस्थिति ने सियासी संदेश दे दिया।
इसी बीच केन्द्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद आशु के कई करीबी नेताओं के बिट्टू के संपर्क में आने की खबरें सामने आई हैं, जिससे आशु को नुकसान होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस सीट से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) को उम्मीदवार बनाया है, जो एक सशक्त उद्योगपति भी हैं।
लुधियाना पश्चिम उपचुनाव (Ludhiana West By-election) अब एक हाई-प्रोफाइल सीट बन चुका है, जिसकी सीट आप विधायक गुरप्रीत गोगी (Gurpreet Gogi) की मृत्यु के बाद खाली हुई थी। चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन मुकाबला दिलचस्प होगा। आप के साथ-साथ भाजपा और शिअद भी जल्द अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।
भारत भूषण आशु का इस सीट पर मजबूत दबदबा रहा है। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार अहबाब ग्रेवाल (Ahbab Grewal) को हराया था, हालांकि 2022 में वे गुरप्रीत गोगी से हार गए थे। आशु के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1997 में लुधियाना नगर निगम के वार्ड 48 से पार्षद बनने के साथ हुई थी। तीन बार पार्षद रहने के बाद वे 2012 में विधायक बने और 2017 में दोबारा जीत हासिल की। कांग्रेस सरकार में उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों (Food, Civil Supplies and Consumer Affairs) में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।
कांग्रेस की रणनीति के अनुसार, चन्नी की सक्रियता से पार्टी को मजबूती मिल सकती है, लेकिन वड़िंग से सहयोग न मिलने की स्थिति में यह पूरी रणनीति उलटी भी पड़ सकती है। वहीं आप और अन्य दलों की ओर से होने वाली मजबूत तैयारी इस चुनाव को और दिलचस्प बना रही है।