The News Air: रूस विदेशी कर्ज चुकाने में नाकाम रह सकता है। करीब 100 साल में पहली बार रूस पर यह खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, वह डिफॉल्ट से बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। पिछले हफ्ते उसने बॉन्ड के जरिए लिए गए कर्ज का पेमेंट रूबल में करने का इंतजाम किया है। हालांकि, रूस को इन बॉन्ड का पैसा डॉलर में चुकाना था। आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं।
क्या रूस के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं?
रूस ने बॉन्ड के जरिए फॉरेन इनवेस्टर्स से कर्ज लिया है। किसी देश का बॉन्ड के जरिए कर्ज लेना आम बात है। रूस के कुल कर्ज में विदेशी कर्ज की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। 1917 की क्रांति के बाद से रूस कभी विदेशी कर्ज चुकाने में नाकाम नहीं रहा है। कर्ज चुकाने में नाकामी किसी देश की खराब वित्तीय स्थिति का संकेत होता है। लेकिन, रूस के मामले में ऐसा नहीं है। रूस के पास कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त रूबल है। लेकिन, उसके पास कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त डॉलर नहीं है। चूंकि, रूस ने इस कर्ज को डॉलर में चुकाने का वादा किया था, इसलिए उसे प्रॉब्लम हो रही है।
आखिर डिफॉल्ट का खतरा क्यों पैदा हुआ?
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले शुरू किए। उसके बाद जवाबी कार्रवाई में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। रूस के बैंकों को पेमेंट के इंटरनेशनल सिस्टम SWIFT का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया। ऑयल को छोड़ रूस से बाकी चीजों के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी गई। इससे उसका एक्सपोर्ट बहुत घट गया। इसके चलते उसके पास डॉलर की भारी कमी हो गई है।
रूस के फाइनेंस मिनिस्टर ने क्या कहा?
इस बीच, रूस के फाइनेंस मिनिस्टर एंटोन सिलुआनोव ने कहा है कि अगर पश्चिमी देशों ने रूस को सॉवरेन डेट पर डिफॉल्ट करने को मजबूर किया तो रूस कानूनी कार्रवाई करेगा। उन्होंने रूस की सरकार के समर्थक माने जाने वाले अखबार Izvestia को यह बताया है। इससे पता चलता है कि रूस डिफॉल्ट से बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है।
क्या कानूनी रास्ता अपनाने से समाधान निकलेगा?
सिलुआनोव ने सोमवार को कहा, “यह पक्का है हम कानूनी रास्ता अख्तियार करेंगे, क्योंकि हमने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि इनवेस्टर्स को अपना पैसा मिल जाए। हम कोर्ट को यह बताएंगे कि हमने फॉरेन करेंसी और रूबल दोनों में पेमेंट के लिए क्या-क्या कोशिशें की हैं। हम अपनी बात को साबित करेंगे, हालांकि यह काफी मुश्किल होगा।” उन्होंने यह भी कहा, “विदेशी कर्ज चुकाने की हम हर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, पश्चिमी देशों की जानबूझकर अपनाई गई पॉलिसी के चलते यह मुश्किल पैदा हुई है।”
क्या पहले कभी रूस ने डिफॉल्ट किया है?
इससे पहले रूस ने 1998 में डिफॉल्ट किया था। लेकिन तब वह घरेलू कर्ज नहीं चुका पाया था। एसएंडपी ने शनिवार को कहा कि उसने रूस को सेलेक्टिव डिफॉल्ट घोषित किया है। 4 अप्रैल को डॉलर की जगह रूबल में उसके पेमेंट करने के बाद हमने यह कदम उठाया। रूस के बॉन्ड की कीमत बहुत गिर चुकी है।