इजराइल-लेबनान जंग के बीच ग्राउंड जीरो पर क्यों डटे रहेंगे भारतीय सेना के जवान

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नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (The News Air): इजरायल का लेबनान पर ग्राउंड अटैक जारी है और ग्राउंड जीरो पर भारतीय सैनिक भी मौजूद हैं। ये भारतीय सैनिक यूएन पीसकीपिंग मिशन का हिस्सा हैं। गुरुवार को UNIFIL (यूनाइटेड नेशंस इंटरिम फोर्स इन लेबनान) ने साफ कर दिया कि सैनिक वहां से पीछे नहीं हटेंगे। इजरायल ने ग्राउंड ऑपरेशन शुरू करने से पहले पीसकीपिंग फोर्स से पीछे हटने की अपील की थी।

भारत सहित 50 देशों की सेना के 10 हजार जवाब

पीसकीपिंग मिशन के सैनिक वहां डटे हैं लेकिन हालात के चलते पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे हैं। ब्लू लाइन पर UNIFIL के तहत भारत सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। इसमें भारत के 700 से ज्यादा सैनिक हैं। UNIFIL के तहत भारतीय सैनिकों की तैनाती गोलान हाइट की तरफ है और इसी सेक्टर की तरफ से इजरायल ने लेबनान पर ग्राउंड अटैक शुरू किया।

भारतीय सेना के जवान सुरक्षित

सेना के मुताबिक लगातार हो रहे रॉकेट और हवाई हमलों के बीच तैनात भारतीय सेना के सभी जवान सुरक्षित हैं। इजराइल और लेबनान के बीच के एरिया को ब्लू लाइन के नाम से जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। ये एक बफर जोन है जहां यूएन फोर्स तैनात है, जो पीसकीपिंग फोर्स है।

गश्ती नहीं कर पा रही है पीसकीपिंग फोर्स

ब्लू लाइन इजराइल और लेबनान के बीच लाइन ऑफ विड्रॉल है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने साल 2000 में इजरायली सेना के लेबनान से वापसी के तहत तय किया गया था। ये ब्लू लाइन अस्थायी है और UNIFIL इसकी कस्टोडियन है।

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