India-Russia Relations : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा भले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन इसके बाद बने भू-राजनीतिक समीकरणों ने America की नींद उड़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की अटूट दोस्ती और गजब की Chemistry ने Donald Trump को भी अब भारी तनाव में ला दिया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 5 दिसंबर को अपनी भारत यात्रा पूरी करके वापस लौट चुके हैं, लेकिन उनके इस दौरे की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। चीन से लेकर Pakistan और America तक, हर जगह सिर्फ इसी दौरे की चर्चा हो रही है। इस यात्रा ने न केवल दुनिया को हिलाया है, बल्कि खुद को दुनिया का सबसे ताकतवर नेता मानने वाले Donald Trump के माथे पर भी चिंता की लकीरें ला दी हैं। Trump का पसीना छूटना लाजमी है, क्योंकि वे लंबे समय से भारत और रूस की दोस्ती को तुड़वाने की कोशिशों में लगे थे।
अटूट दोस्ती का कड़ा संदेश
हैदराबाद हाउस में हुई पीएम मोदी और पुतिन की एक बड़ी मुलाकात ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है। जब दोनों नेता दोस्तों की तरह हाथ में हाथ डालकर चले, तो वह पल इतिहास में दर्ज हो गया। इस गर्मजोशी भरी मुलाकात ने यह साफ कर दिया कि भारत और रूस की दोस्ती कभी नहीं टूटेगी। इसी मजबूत रिश्ते के कारण अब America के भीतर से ही Donald Trump के लिए चेतावनियां सामने आ रही हैं जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। Geopolitics में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच भारत-रूस के व्यापारिक रिश्तों पर America में फिर से बहस छिड़ गई है।
वाशिंगटन में बजा खतरे का अलार्म
भारत और रूस के गहरे होते संबंधों को लेकर Washington अब Alert Mode पर है। Atlantic Council में South Asia के Senior Fellow माइकल कुलमैन ने अमेरिकी प्रशासन को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जिस तरह से भारत में पुतिन के दौरे को सराहा गया, उसने अमेरिकी प्रशासन में भारत और रूस के आगे के संबंधों को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं। यह डर साफ दिखाता है कि America अब डर के साए में है। माइकल का मानना है कि रूस-भारत शिखर सम्मेलन की कामयाबी, विस्तृत संयुक्त बयान और नए Commercial व सैन्य सहयोग को Washington में इस तरह समझा जा रहा है कि भारत ऐसे समय में पुतिन को मजबूत कर रहा है, जब America यूक्रेन में शांति प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश कर रहा है।
टैरिफ की धमकी और भारत का रुख
हालांकि, माइकल ने यह भी कहा कि पीएम मोदी यूक्रेन के साथ भी संपर्क में हैं, जो भारत के Neutral Stand की ओर इशारा करता है। लेकिन पुतिन के साथ हुए शिखर सम्मेलन ने नई दिल्ली की रणनीतिक संप्रभुता को दुनिया के सामने रख दिया है। Donald Trump की बेचैनी लगातार बढ़ रही है। भले ही उन्होंने आधिकारिक तौर पर पुतिन के दौरे को लेकर कुछ नहीं कहा हो, लेकिन जिस तरह से America की तरफ से बयान आ रहे हैं, वह उनकी हताशा बयां कर रहा है। Trump अब भारत को Tariff की धमकी दे रहे हैं और यहां तक कि चावल पर भी Tariff लगाने की बात हो रही है। ये धमकियां साफ बता रही हैं कि America, भारत को रूस से दोस्ती तोड़ने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है।
नुकसान के डर से नरम पड़ सकते हैं ट्रंप
America यह अच्छी तरह जानता है कि जब भारत और रूस एक साथ आते हैं और यह दोस्ती पक्की होती है, तो पूरी दुनिया में Tension बढ़ जाती है। Donald Trump को भी यही डर सता रहा है और यही वजह है कि वे लगातार परेशानी से जूझ रहे हैं। माइकल कुलमैन ने चेतावनी दी है कि Trump से Tariff में राहत चाहने वाले देशों को पहले भी काफी कीमतें चुकानी पड़ी हैं। उनका कहना है कि भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों के संकेत बताते हैं कि दोनों पक्ष Deal के करीब हैं। यानी यह साफ है कि अब Donald Trump भारत की ओर नरम रुख अपनाने के लिए मजबूर हो चुके हैं।
जानें पूरा मामला
यह खबर 5 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे और उसके बाद America व Donald Trump की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। वीडियो में बताया गया है कि पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात ने Washington को चिंतित कर दिया है, जिससे Trump प्रशासन अब भारत पर दबाव बनाने के लिए चावल जैसे उत्पादों पर Tariff की धमकियों का सहारा ले रहा है, हालांकि अंत में उन्हें झुकना पड़ सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे और पीएम मोदी के साथ उनकी Chemistry ने America को Tension में डाल दिया है।
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Atlantic Council के माइकल कुलमैन ने चेतावनी दी है कि भारत-रूस की मजबूती Washington के लिए चिंता का विषय है।
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Donald Trump भारत-रूस की दोस्ती तोड़ने के लिए चावल पर Tariff लगाने जैसी धमकियां दे रहे हैं।
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संकेत मिल रहे हैं कि Donald Trump को अंततः भारत के प्रति अपना रुख नरम करना पड़ सकता है।






