Akash Anand Speech : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पहले नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी से हटा दिया और फिर उन्हें पार्टी से भी बाहर कर दिया। यह फैसला अचानक आया, जिसने सभी को चौंका दिया। मायावती ने आकाश आनंद को न केवल बसपा से बाहर किया, बल्कि उन पर निजी हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि आकाश ने प्रायश्चित करने के बजाय अहंकार दिखाया और अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ की तरह ही काम किया। इसी वजह से उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया।
मायावती ने आकाश आनंद की जगह उनके पिता और अपने भाई आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय संयोजक बना दिया, साथ ही रामजी गौतम को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इस फैसले के साथ बसपा में आकाश आनंद की राजनीतिक पारी समाप्त हो गई।
क्या 2023 का भाषण बना आकाश आनंद के लिए सियासी संकट?
हालांकि, आकाश आनंद की बसपा से यह विदाई अचानक जरूर दिख रही है, लेकिन इसके पीछे की पटकथा पहले से ही तैयार थी। इसकी बड़ी वजह उनका 2023 में दिया गया एक भाषण माना जा रहा है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दिए गए इस भाषण में आकाश ने बसपा की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिए थे। उन्होंने कहा था कि बसपा में कई गलत लोग अहम पदों पर बैठे हैं।
इस बयान से मायावती नाराज हो गई थीं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यही वह मोड़ था जिसने बुआ-भतीजे के रिश्तों में दरार डाल दी। 22 मिनट के इस भाषण में आकाश आनंद ने कहा था, “बीते दो से तीन सालों में मैंने देखा है कि हमारे कुछ कार्यकर्ता परेशान हैं, जिस तरीके से पार्टी चल रही है। कई दिक्कतें हैं।”
बसपा के वरिष्ठ नेता भी थे नाराज
यह भाषण अब भी बसपा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मौजूद है। 23 नवंबर 2023 को जब आकाश आनंद ने यह बयान दिया था, उस वक्त मायावती उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करने ही वाली थीं। लेकिन इस भाषण में उन्होंने सीधे पार्टी के भीतर मौजूद वरिष्ठ नेताओं पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा था, “क्या आप मानते हैं कि बसपा में उच्च पदों पर बैठे कुछ लोग पार्टी को बाहर वालों से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं? क्या आप मानते हैं कि योग्य लोगों को सही जिम्मेदारी नहीं मिल रही?”
इस बयान से पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई थी। हालांकि, बसपा के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग इससे नाखुश था। यही कारण था कि इसके बाद भी आकाश आनंद कई बार पार्टी लाइन से अलग अपनी बात रखते नजर आए।
मायावती के फैसलों से अलग चलना पड़ा भारी
बसपा में आमतौर पर मायावती के अलावा किसी भी नेता को अपनी अलग लाइन पर चलने की इजाजत नहीं होती। लेकिन आकाश आनंद पार्टी के भीतर मौजूद समस्याओं को खुलकर उजागर कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि बहनजी (मायावती) को इन समस्याओं की जानकारी दी गई है, लेकिन सिर्फ समस्या जानना काफी नहीं है, बल्कि समाधान के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
उन्होंने अन्य दलों का उदाहरण देते हुए कहा था, “दूसरे दलों में चीजें तेजी से बढ़ती हैं। वहां यूथ और सोशल मीडिया विंग्स भी हैं। बहनजी ने भी हमें समाधान दिया है, लेकिन हमें इस पर तेजी से काम करना होगा।”
आकाश आनंद का यह रुख उनके खिलाफ चला गया और मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर करने का कड़ा फैसला ले लिया।