कौन था हमास चीफ इस्माइल हानिया…

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नई दिल्‍ली, 31 जुलाई (The News Air): इजराइल ने हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने इसकी पुष्टि की है. आईआरजीसी के एक बयान में कहा गया है कि तेहरान में उनके आवास को निशाना बनाया गया है और हमास प्रमुख इस्माइल हानिया और उनके एक बॉडीगार्ड की हत्या कर दी गई.

इस्माइल हनिया हमास का चीफ पॉलिटिकल लीडर था, हानिया पर 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले की साजिश रचने का आरोप है. इस्माइल हानिया ने 1988 में हमास ज्वाइन किया था और साल 2017 में वो हमास का चीफ पॉलिटिकल लीडर बना. सूत्रों के अनुसार इस्माइल हानिया तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचा था, वहीं इजरायल ने तेहरान में मिसाइल हमला कर अपने सबसे बड़े दुश्मन को मार गिराया है.

हानिया की मौत पर हमास की धमकी

वहीं हमास ने इस्माइल हानिया की हत्या को लेकर इजरायल को धमकी दी है. हमास का कहना है कि इसकी सजा जरूर मिलेगी. हमास ने इस्माइल हानिया पर इजरायली हमले को कायराना बताया है. बता दें कि इससे पहले अप्रैल में इजरायली हमले में हानिया के तीन बेटे भी मारे जा चुके हैं, बावजूद इसके हानिया ने इजराइली बंधकों को रिहा करने से इनकार कर दिया था.

शूरा काउंसिल का टॉप लीडर था हानिया

इस्माइल हनिया ने 2006-07 में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के प्रधानमंत्री के तौर पर भी काम किया था, 2017 में उसे खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख के रूप में चुना गया था. बताया जाता है कि हमास की लीडरशिप मिलने के बाद हानिया ने दिसंबर 2019 में गाजा पट्टी छोड़ दिया था. वहीं हमास की सर्वोच्च इकाई शूरा परिषद ने 2021 में इस्माइल हानिया दोबारा चार साल के लिए निर्विरोध चुना था. हमास में इस्माइल हानिया को चुनौती देने वाला कोई दूसरा बड़ा लीडर नहीं था.

शरणार्थी कैंप में हुआ था हानिया का जन्म

इस्माइल हानिया का जन्म 1962 में गाजा के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था, वहीं संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल में उसकी प्रारंभिक शिक्षा हुई. 1981 में हनिया ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां से उसने अरबी साहित्य की स्टडीज पूरी की. इस्माइल हानिया छात्र राजनीति में भी सक्रिय था साथ ही उसने मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े एक इस्लामिक छात्र संघ का नेतृत्व भी किया.

1989 में इजराइल ने हानिया को तीन साल के लिए कैद कर लिया था. इसके बाद उसे हमास के कई नेताओं के साथ मार्ज-अल-ज़ुहुर निर्वासित कर दिया गया था. यह इजराइल और लेबनान के बीच एक नो-मेंस लैंड हैं, जहां वो एक साल तक रहा. निर्वासन पूरा होने के बाद हानिया गाजा लौट आया और उसे 1997 में हमास आंदोलन के आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया. 2003 में इजरायल ने दोनों की हत्या की असफल कोशिश की थी, हालांकि कुछ ही महीनों बाद यासीन की हत्या कर दी गई.

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