कौन हैं रवनीत सिंह बिट्टू? चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में हुए शामिल

0
कौन हैं रवनीत सिंह बिट्टू? कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में हुए शामिल

नई दिल्ली, 26 मार्च (The News Air) पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. तीन बार से सांसद और पार्टी के सीनियर नेता रवनीत सिंह बिट्टू मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए. बिट्टू पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते हैं. बिट्टू पहली बार 2009 में आनंदपुर साहिब सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2014 और 2019 में भी उन्होंने जीत हासिल की थी.

पंजाब के लुधियाना सें कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू बीजेपी में शामिल हो गए हैं. लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग से ठीक पहले बिट्टू का बीजेपी में शामिल होना पंजाब में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी 1995 में आतंकियों ने हत्या कर दी थी. कभी बिट्टू की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी.

बिट्टू ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस के टिकट पर आनंदपुर साहिब सीट से लड़ा था. यहां बिट्टू ने अकाली दल के दलजीत चीमा को 67204 वोटों से हराया. जिसके बाद 2014 में कांग्रेस पार्टी ने रवनीत बिट्टू की सीट बदल दी और उन्हें लुधियाना सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. यहां उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के एचएस फुल्का को 19709 वोटों से हराया. 2019 में कांग्रेस ने उन्हें दोबारा लुधियाना सीट से टिकट दिया. इस बार बिट्टू ने लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस को 76372 वोटों से हराया.

कांग्रेस ने लोकसभा में पार्टी का नेता भी बनाया था

मार्च 2021 में पश्चिम बंगाल में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तो कांग्रेस पार्टी ने बिट्टू को कुछ समय के लिए लोकसभा में पार्टी का नेता भी नियुक्त किया था. उस समय में लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी विधानसभा चुनाव में व्यस्त थे. बंगाल अधीर रंजन चौधरी का गृह राज्य है. हालांकि, में चुनाव के बाद अधीर रंजन ने फिर से अपनी जिम्मेदारी संभाल ली थी.

पंजाब में रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस के एक बड़े और जाने पहचाने नेता रहे हैं. सांसद के साथ वो पंजाब युवक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. युवक कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए बिट्टू ने पंजाब में ड्रग एडिक्शन के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था और 2011 में राज्य में ड्रग प्रिवेंशन बोर्ड स्थापित करने की मांग को लेकर हुए भूख हड़ताल में अहम भूमिका निभाई थी. इससे पहले 2010 में उन्होंने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए 45 दिनों तक 1,500 किलोमीटर की पदयात्रा भी निकाली थी.

लुधियाना में जन्म, पेशे से बताते हैं किसान

लुधियाना बिट्टू का गृह जिला है. 10 सितंबर, 1975 को लुधियाना के कोटली गांव में जन्मे बिट्टू पेशे से खुद को किसान बताते रहे हैं. बिट्टू उस समय में भी चर्चा में आए थे जब उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बजट सत्र की शुरुआत के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान सेंट्रल हॉल में नारेबाजी भी की थी. नारेबाजी के साथ-साथ बिट्टू ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों का विरोध भी किया था.

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments