नई दिल्ली, 06 जून (The News Air) केंद्र में एनडीए की नई सरकार बनने से ज्यादा, सियासी माहौल इन दिनों बिहार के सीएम और जेडीयू मुखिया नीतीश कुमार को लेकर गर्माया हुआ है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में जेडीयू को 12 सीटें मिली हैं। एनडीए के घटक दलों में नीतीश कुमार की पार्टी तीसरा सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है। ऐसे में केंद्र की नई सरकार में नीतीश कुमार की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सियासी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के सामने नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्रिमंडल में अहम मंत्रालयों सहित बिहार के लिए आर्थिक और दूसरी राहत संबंधी मांगें रख सकते हैं। हालांकि, अपनी मांगों को लेकर नीतीश कुमार ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। आइए समझते हैं कि नीतीश कुमार की इस खामोशी का राज क्या है?नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली पहुंचे और एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद मीडिया में खबरें आईं कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के लिए चार मंत्री पदों की मांग की है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर जेडीयू के किसी नेता ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है। ईटी की खबर के मुताबिक, नीतीश कुमार से जुड़े एक बेहद करीबी नेता ने बताया कि सही समय आने पर, वो भाजपा नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी की हिस्सेदारी पर बातचीत करेंगे। एक सहयोगी के तौर पर भाजपा के साथ नीतीश कुमार का लंबा रिश्ता रहा है और यही वजह है कि वह अभी तक शांत हैं।
केंद्र से बड़ी मांग में बिहार सरकार वाला अड़ंगा
वहीं, जेडीयू के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि वैसे तो नीतीश कुमार के मन की बात पढ़ना मुश्किल है, लेकिन माना जा रहा है कि वो अपने हर तीसरे सांसद के लिए एक मंत्री पद की मांग रख सकते हैं। जेडीयू से जुड़े एक और सूत्र ने बताया कि अगर नीतीश कुमार की इस मांग को पूरा किया जाता है, तो उनकी पार्टी के पास केंद्र में चार मंत्री पद होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश के बहुत ही मधुर संबंध हैं और ऐसे में इस बात की कतई संभावना नहीं कि वो केंद्र के साथ कोई बहुत मुश्किल सौदेबाजी करेंगे या डिमांड रखेंगे। दूसरी तरफ बिहार में नीतीश की सरकार भी भाजपा के सहारे टिकी है, जिससे उनकी सौदेबाजी की ताकत खुद ही कम हो जाती है।
कौन-कौन से मंत्रालयों पर नीतीश की नजरें
संकेत इस बात के भी हैं कि जेडीयू ऐसे मंत्रालयों को प्राथमिकता दे सकती है जो नीतीश कुमार के विकास मॉडल को आगे बढ़ाने में मदद कर सकें। बेहद चौंकाने वाले कदम के तहत नीतीश कुमार इथेनॉल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से पेट्रोलियम मंत्रालय की भी मांग कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि मंत्रालय पर भी नीतीश कुमार की निगाहें होंगी। केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान, नीतीश कुमार पूर्वी राज्यों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित कई परियोजनाओं को बिहार लेकर आए थे। इस दौरान बिहार में उन्होंने कई कृषि कॉलेज और कृषि विज्ञान केंद्र भी खोले।