Virat Kohli Rohit Sharma Retirement Controversy – भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) के दो सबसे चमकते सितारे विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने महज 5 दिन के अंतराल में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इन दो दिग्गजों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, लेकिन उनका इस तरह बिना फेयरवेल के संन्यास लेना क्रिकेट प्रेमियों को खटक रहा है। एक तरफ रोहित शर्मा को अचानक टीम के टेस्ट प्लान से बाहर बताया गया, वहीं दूसरी ओर कोहली ने खुद अपने फैसले से सभी को चौंका दिया।
रोहित शर्मा, जिन्होंने हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) में टीम की अगुआई की थी, को बीसीसीआई (BCCI) ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि अब वह टीम के भविष्य की योजना में शामिल नहीं हैं। उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि अगला मैच उनका विदाई टेस्ट हो सकता है। यही नहीं, उन्हें यह सूचना तब दी गई जब वह पहले ही खुद को टीम हित में ड्रॉप कर चुके थे। सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे खिलाड़ी को इतना सामान्य तरीके से बाहर करना सही था?
दूसरी ओर विराट कोहली ने खुद बीसीसीआई को अपनी रिटायरमेंट की मंशा बताई। रिपोर्ट्स की मानें तो बोर्ड ने उनसे इंग्लैंड (England) दौरे तक रुकने की गुजारिश की, लेकिन कोहली ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। हालांकि, पूर्व चयनकर्ता और दिल्ली के रणजी कोच सरणदीप सिंह का दावा है कि कोहली इंग्लैंड सीरीज के लिए पूरी तरह तैयार थे और उन्होंने 3-4 शतकों का लक्ष्य रखा था। ऐसे में सवाल यह है कि अगर कोहली का मन बदला, तो उसकी वजह क्या थी?
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) 2024-25 में भारत को ऑस्ट्रेलिया (Australia) से 3-1 की हार मिली। कोहली ने 5 मैचों की 9 पारियों में केवल एक शतक सहित 190 रन बनाए। ये आंकड़े उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने जनवरी में रेलवे (Railways) के खिलाफ रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में दिल्ली (Delhi) की ओर से खेला, जिससे यह साफ होता है कि उनका मनोबल टूटा नहीं था।
कोहली और रोहित, दोनों के संन्यास का यह तरीका न केवल प्रशंसकों के लिए दुखद है बल्कि यह भारतीय क्रिकेट प्रशासन के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाता है। इन दोनों दिग्गजों को मैदान पर अंतिम बार सफेद जर्सी (White Jersey) में देखने का मौका न देना एक चूक है जो वर्षों तक याद की जाएगी। यह दिखाता है कि बीसीसीआई और चयन समिति को खिलाड़ियों की गरिमापूर्ण विदाई की नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो स्पष्ट है — भारतीय क्रिकेट में कुछ तो गड़बड़ है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सितारों की विदाई इस तरह नहीं होनी चाहिए थी। यह सिर्फ संन्यास नहीं, एक युग का अंत था, जो सही मंच का हकदार था।