कनाडा की राजनीति इन दिनों चर्चा में है, क्योंकि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव को विपक्षी नेता पियरे पोलीवर (Pierre Poilievre) ने संसद में रखा। हालांकि, यह प्रस्ताव 211-120 मतों के अंतर से खारिज हो गया। आइए इस घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा करें।
अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है?
अविश्वास प्रस्ताव का उद्देश्य सरकार की कार्यक्षमता और नीतियों पर सवाल उठाना होता है। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता, तो सरकार गिर जाती और नए चुनाव कराए जाते। इस प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का तर्क था कि ट्रूडो सरकार जनता के मुद्दों को हल करने में नाकाम रही है।
ट्रूडो सरकार के लिए समर्थन
इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट देकर लिबरल पार्टी (Liberal Party) ने न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP), ब्लॉक क्वेबेक्वा (Bloc Québécois), और ग्रीन पार्टी (Green Party) का समर्थन हासिल किया। इस तरह सरकार को संसद में अपनी स्थिति बनाए रखने में सफलता मिली।
प्रस्ताव का परिणाम
प्रस्ताव को संसद में गिरा दिया गया, जिससे ट्रूडो सरकार फिलहाल सुरक्षित है।
- वोटिंग का स्कोर: 211-120
- प्रमुख समर्थन: एनडीपी (NDP) और ब्लॉक क्वेबेक्वा
ट्रूडो की प्रतिक्रिया
प्रस्ताव के खारिज होने के बाद ट्रूडो ने कहा कि विपक्ष को सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने विपक्ष पर “गैर-लोकतांत्रिक भाषा” और “आलोचनात्मक राजनीति” का आरोप लगाया।
विपक्ष की रणनीति
कंज़र्वेटिव नेता पोलीवर ने कहा कि यह उनकी पहली कोशिश थी, और वे सरकार के खिलाफ अन्य प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं। विपक्ष सरकार को आर्थिक मुद्दों, बढ़ती महंगाई, और विदेशी नीतियों पर घेरने की तैयारी में है।
जनता पर असर
यह घटनाक्रम कनाडा की जनता के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकार की नीतियों और विपक्ष की भूमिका को उजागर करता है।
निचोड़
अविश्वास प्रस्ताव का खारिज होना ट्रूडो सरकार के लिए राहत की बात है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता का यह दौर कनाडा की जनता के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकता है।