Vladimir Putin India Visit and Indonesia Invitation: भारत और रूस की गहरी होती दोस्ती अब दुनिया के कई नेताओं को अपनी ओर खींच रही है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात के बाद, अब एक और एशियाई ताकत ने पुतिन के साथ कदमताल करने की इच्छा जताई है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांतो ने न केवल पुतिन को अपने देश आने का न्योता दिया है, बल्कि एक ऐसा तंज भी कसा है जो कूटनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
‘भारत ही अकेला देश नहीं होना चाहिए’
10 दिसंबर को मॉस्को के ऐतिहासिक क्रेमलिन पैलेस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांतो के बीच इस साल की दूसरी मुलाकात हुई। इस दौरान प्रोबोवो ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा, “मैं आपको इंडोनेशिया आने का न्योता देना चाहता हूं। आपकी सुविधा के मुताबिक शायद 2026 या 2027 में हमें अपने देश में आपका स्वागत करने में बहुत खुशी होगी।” इसके साथ ही उन्होंने मुस्कुराते हुए जोड़ा, “क्योंकि भारत ही अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जहां आप यात्रा करें।” प्रोबोवो की इस बात पर पुतिन भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
मजाक के पीछे गहरी कूटनीति
भले ही प्रोबोवो का अंदाज मजाकिया था, लेकिन इसके पीछे एक गंभीर कूटनीतिक संदेश छिपा है। उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को ‘उत्कृष्ट’ बताया और पुतिन को ‘स्टेट विजिट’ का ऑफिशियल इनविटेशन दिया। न्यूज सोर्सेज और रूसी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुतिन ने इस न्योते को स्वीकार भी कर लिया है और वे 2026 या 2027 में जकार्ता जाने को तैयार हैं। यह मुलाकात सिर्फ न्योते तक सीमित नहीं थी; दोनों नेताओं ने मिलिट्री सहयोग, न्यूक्लियर एनर्जी और गेहूं एक्सपोर्ट जैसे अहम मुद्दों पर भी बात की।
ग्लोबल पॉलिटिक्स में बड़ा बदलाव
रूस के लिए यह मुलाकात बेहद अहम है। जहां एक तरफ पश्चिमी देश रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं इंडोनेशिया जैसे बड़े दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश का यह कदम ‘मल्टीपोलर वर्ल्ड’ (बहुध्रुवीय विश्व) की धारणा को मजबूती देता है। गौरतलब है कि भारत, रूस और इंडोनेशिया तीनों ही ‘ब्रिक्स’ (BRICS) समूह का हिस्सा हैं, जो भविष्य में एक मजबूत त्रिपक्षीय सहयोग का संकेत देता है। प्रोबोवो, जो खुद मिलिट्री बैकग्राउंड से आते हैं, रूस के साथ डिफेंस डील बढ़ाने के भी इच्छुक हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
प्रोबोवो का यह कमेंट कि “इंडिया ओनली स्टॉप नहीं होना चाहिए”, सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया है। लोग इस पर तरह-तरह के मीम्स बना रहे हैं। कोई कह रहा है कि पुतिन का अगला स्टॉप वियतनाम होगा, तो कोई मजाक में कह रहा है कि पुतिन की ट्रैवल डायरी अब फुल हो चुकी है। हालांकि, कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर यह दौरा होता है, तो इसका असर व्यापार, निवेश और शांति वार्ताओं पर भी पड़ेगा।
जानें पूरा मामला
पुतिन हाल ही में भारत आए थे, जहां उन्होंने पीएम मोदी के साथ डिफेंस, एनर्जी और ट्रेड पर व्यापक चर्चा की थी। अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत ने रूस के साथ अपने रिश्तों को और प्रगाढ़ किया है। इसी दौरे का हवाला देते हुए अब इंडोनेशिया ने भी रूस के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई देने की पहल की है। नवंबर 2024 में जावा सागर में दोनों देशों ने अपनी पहली संयुक्त नौसैनिक एक्सरसाइज भी की थी, जो बढ़ते सैन्य सहयोग का प्रतीक है।
मुख्य बातें (Key Points)
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इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रोबोवो ने पुतिन को 2026-27 में जकार्ता आने का न्योता दिया।
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प्रोबोवो ने मजाक में कहा कि पुतिन को सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
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रूस और इंडोनेशिया के बीच मिलिट्री और न्यूक्लियर एनर्जी में सहयोग बढ़ेगा।
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यह कदम ग्लोबल पॉलिटिक्स में रूस की स्वीकार्यता को दर्शाता है।






