नई दिल्ली 16 फरवरी (The News Air): चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी से अभी सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना का प्रामाणिक उद्देश्य चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ का फैसला है और कोई भी औपचारिक टिप्पणी पूरा जजमेंट पढ़ने के बाद ही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव में सुधार के लिए लिए मोदी सरकार का यह एक प्रयास नहीं था, कई प्रयास किए गए हैं। वोटर लिस्ट पर अब वोट देने वालों की फोटो छपती है। दूसरे कई तरीके से चुनाव में सुधार का प्रयास किया गया है ।
केंद्र सरकार ने क्या कहा? : बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव के लिए चंदे की व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए हैं और चुनावी बॉन्ड जारी करना इसी कदम का हिस्सा है। कांग्रेस के आरोप पर उन्होंने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि जिस दल का पूरा संस्कार भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर आधारित है, उन्हें बीजेपी के खिलाफ ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। चुनावी बॉन्ड द्वारा विपक्षी दलों को चुनाव में समान अवसर देने से वंचित करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कौन मैदान में है और कौन मैदान से बाहर है, यह जनता तय करती है। उन्होंने कांग्रेस पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा कि लोगों ने कुछ पार्टियों को मैदान से बाहर कर दिया है और वे अब उन क्षेत्रों में एक भी सीट नहीं जीत सकते जो उनके गढ़ हुआ करते थे।
‘विपक्ष मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा’ : वहीं बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों से मुकाबले का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालतों में वकालत करते हैं और रोजाना मामले जीते और हारे जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश या उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।
वोट की ताकत मजबूत होगी: कांग्रेस : कांग्रेस ने कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा। उम्मीद की जाती है कि सरकार अब ऐसे ‘शरारतपूर्ण’ विचारों का सहारा लेना बंद करेगी। उधर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना का मकसद चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था। कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।