जयशंकर ने ऐसा क्या कहा कि रूस करने लगा झोली भर-भरकर तारीफ

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जयशंकर ने ऐसा क्या कहा कि रूस करने लगा झोली भर-भरकर तारीफ - india russia relation russian foreign minister sergey lavrov said india has always been a friend s jaishankar
जयशंकर ने ऐसा क्या कहा कि रूस करने लगा झोली भर-भरकर तारीफ

नई दिल्ली, 5 मार्च (The News Air) : रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन युद्ध के बीच नई दिल्ली और मॉस्को के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की सराहना की। रूसी विदेश मंत्री ने उस बात को भी याद किया कि जब पश्चिमी पंडितों ने यह जानने की मांग की कि भारत अभी भी उनके देश के साथ क्यों जुड़ा हुआ है। उस समय जयशंकर ने अपने जवाब से पश्चिमी दुनिया का मुंह बंद कर दिया था। सर्गेई लावरोव रूसी शहर सोची में विश्व युवा मंच को संबोधित कर रहे थे।

तेल खरीद पर बोले सर्गेई : सर्गेई से रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में पूछा गया था। एस जयशंकर के शब्दों को याद करते हुए, रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा मास्को का मित्र रहा है। जयशंकर ने उस समय यूरोपीय लोगों को दूसरों को व्याख्यान देने से पहले खुद को देखने की सलाह दी थी। सर्गेई ने कहा कि मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने उन्हें अपने काम से काम रखने की सलाह दी। साथ ही उन्हें याद दिलाया कि पश्चिम ने कितना तेल खरीदना शुरू कर दिया है। रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। चर्चा सत्र के दौरान, सर्गेई लावरोव ने भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से शीत युद्ध के दौरान नई दिल्ली के लिए मास्को के समर्थन का जिक्र किया। उस समय पश्चिमी देशों ने एडवांस हथियार रोक दिए थे।

भारत-रूस रक्षा संबंध : दोनों देशों के रक्षा संबंधों के बारे बताते हुए सर्गेई ने कहा कि उन वर्षों में, जब पश्चिम ने भारत, सोवियत संघ और बाद में रूस को आधुनिक हथियार देने करने के बारे में सोचा भी नहीं था। ऐसे में न केवल हमने ऐसा किया, बल्कि ब्रह्मोस सहित हाई तकनीक वाली मिसाइलों का मिलकर विकसित भी किया। उन्होंने कहा कि इसीलिए हम (अपनी) दोस्ती को याद रखते हैं, हम खुद को कभी नहीं भूलते और हम देखते हैं कि भारतीय लोगों में भी वही गुण हैं। पिछले साल जनवरी में, एस जयशंकर ने पश्चिमी शक्तियों की तरफ भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने के खिलाफ दबाव बनाया था। उस समय जयशंकर ने कहा था कि यूरोप ने फरवरी 2022 के बाद से भारत की तुलना में रूस से छह गुना ईंधन ऊर्जा का आयात किया है।

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