The News Air- (चंडीगढ़)पंजाब के CM चरणजीत चन्नी ने कृषि क़ानून वापस लेने की घोषणा के बाद PM नरेंद्र मोदी पर शायराना वार किया है। चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में प्रेस कान्फ्रेंस कर सीएम चन्नी ने पीएम को कहा कि सब कुछ लुटाकर होश में आए तो क्या किया? उन्होंने कहा कि किसानों और खेत मज़दूरों को इसकी बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी। कई किसानों ने ज़िंदगी गंवा दी। उन्होंने अकाली दल पर भी आरोप लगाया कि उनके कंधे पर बंदूक़ रख यह क़ानून बने।
ज़िद पर अड़ी रही केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष के बावज़ूद केंद्र सरकार ज़िद पर अड़ी रही। सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगाई लेकिन केंद्र ने इसे रद्द नहीं किया। अब अगले चुनाव में उत्तर प्रदेश में हार दिखी तो इसे रद्द कर दिया। हालांकि, जब तक संसद में पेश कर इसे वापस नहीं किया जाता, तब तक सबको चौकन्ना रहने की ज़रूरत है।
पंजाब को कमज़ोर करने की थी साज़िश
उन्होंने केंद्र से मांग की कि संसद में कृषि क़ानून वापस करने के साथ MSP पर भी नया क़ानून बनाकर उसे लागू किया जाए। उन्होंने इसे देश को बांटने और किसानों को बर्बाद करने की कार्रवाई बताया। सीएम ने कहा कि पंजाब कृषि आधारित राज्य है। इन क़ानूनों से केंद्र पंजाब को कमज़ोर करना चाहता था।
बादलों ने बनवाए क़ानून
सीएम चन्नी ने अकाली दल और बादल परिवार पर भी जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि बादलों ने भाजपा को कहा कि किसान हमारे साथ हैं और हम आपके। इसके बाद अकाली दल के कंधे पर बंदूक़ रख यह क़ानून बनाए गए। इसकी तारीफ़ में हरसिमरत बादल ने 3 कान्फ्रेंस की। सुखबीर बादल ने भी इमरजेंसी कान्फ्रेंस की। वहीं, प्रकाश सिंह बादल से भी कान्फ्रेंस कराई गई। हालांकि जब किसानों ने उनका घर से बाहर निकलना बंद कर दिया तो इसके विरोध में आए। इनके बीच अब भी अंदर खाते समझौता है।
आम आदमी पार्टी को भी कोसा
सीएम चन्नी ने कहा कि आम आदमी पार्टी किसान हितैषी बनती है। केंद्र के इन क़ानूनों में से सबसे ख़तरनाक ट्रेड वाला क़ानून दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने लागू किया। उन्होंने कटाक्ष किया कि अब केंद्र इन्हें रद्द कर रहा है तो दिल्ली की आप सरकार भी क़ानून को रद्द कर दे।
किसानों की याद में बनेगा मेमोरियल, BSF वाला नोटिफिकेशन भी वापस ले केंद्र
सीएम चन्नी ने कहा कि पंजाब में आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में मेमोरियल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी उसका नाम बताएगा, वो रखा जाएगा। उन्होंने अब कृषि क़ानून की तरह केंद्र से BSF का अधिकार क्षेत्र नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की।