नई दिल्ली, 09 अगस्त (The News Air): सुप्रीम कोर्ट से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार और ईडी-सीबीआई पर करारा हमला बोला। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज ईडी-सीबीआई और प्रधानमंत्री पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। मोदी जी ने 17 महीने से एक ऐसे व्यक्ति को जेल में रखा था, जिसने देश की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा दी। हम पहले दिन से ही ये बात कह रहे थे कि कोर्ट में यह केस एक दिन भी नहीं टिकेगा और आज सुप्रीम कोर्ट में वही हुआ। भाजपा ने ‘‘आप’’ और अरविंद केजरीवाल को खत्म करने के लिए दिल्ली को दो-ढाई साल पीछे धकेल दिया है। केंद्र की ये फर्जी एजेंसियां केवल ब्लैकमेलिंग और सुपारी किलिंग का काम कर रही हैं। वहीं, मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक जेल में इसलिए रखा गया, क्योंकि उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक और पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने को लेकर संयुक्त प्रेसवार्ता की। इस दौरान दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 17 महीने से मोदी जी ने देश के एक ऐसे व्यक्ति को जेल में रखा है, जिसने राजनीति को एक नई दिशा दी। मनीष सिसोदिया ने यह साबित किया कि सरकार में आने के बाद जनता के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। उन्होंने उन लाखों बच्चों के लिए, जिनके माता-पिता महीने के 10-12 हजार रुपए कमाते हैं या रेहड़ी-पटरी लगाते हैं और जो अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में नहीं भेज सकते, दिल्ली के सरकारी स्कूलों को न केवल सुधारा बल्कि उन्हें विश्वस्तरीय बनाया। इसका परिणाम यह है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं। वही मनीष सिसोदिया, जो सुबह 5 बजे से शाम तक दिल्ली के एक-एक स्कूल में घूमते थे, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने 17-18 महीने तक बिना किसी सबूत और तथ्य के जेल में रखा। यह बेहद निंदनीय है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे थे कि इस केस में कुछ नहीं है और कोर्ट में यह केस एक दिन भी नहीं टिकेगा। आज सुप्रीम कोर्ट में वही हुआ। हम इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करते हैं। हमने पहले भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तब कोर्ट ने सकारात्मक टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस मामले का जल्द ट्रायल शुरू किया जाए। लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसियां ट्रायल शुरू कराने में असफल रहीं। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जांच एजेंसियां बिना ट्रायल शुरू किए किसी व्यक्ति को दो-दो साल तक जेल में बंद करके रख रही हैं और सवाल पूछने पर जांच का हवाला देती हैं। लेकिन जांच के नाम पर भी बार-बार उन्हीं पांच लोगों को बुलाकर, उनकी पिटाई कर झूठी गवाही देने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसा तो संगीन अपराधियों के साथ भी नहीं होता। प्रधानमंत्री मोदी आम आदमी पार्टी के साथ आतंकवादियों से भी बुरा सुलूक कर रहे हैं।
दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि आज देश की ईडी-सीबीआई और प्रधानमंत्री पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। मैं सुप्रीम कोर्ट के उन सभी जजों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस तानाशाही के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत दिखाई। जांच के नाम पर बनाई गई ये फर्जी एजेंसियां आज केवल ब्लैकमेलिंग और सुपारी किलिंग का काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री के आदेश पर ये एजेंसियां तुरंत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती हैं और बाद में केस बनाती हैं। देश में ऐसी एजेंसियों का अस्तित्व खत्म होना चाहिए। यह बेहद शर्मनाक है। भाजपा के लोगों ने दिल्ली को दो-ढाई साल पीछे धकेल दिया, केवल आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को खत्म करने के लिए इन्होंने दिल्लीवालों के कई काम रुकवा दिए। अच्छे गवर्नेंस और काम की राजनीति को खत्म करने के लिए इन्होंने इतना बड़ा षड्यंत्र रचा और एक छोटी सी पार्टी को खत्म करने के लिए फर्जी केस डलवाकर हमारे नेताओं को गिरफ्तार किया गया। प्रधानमंत्री को जनता ने बहुमत दिया है, उन्हें जनता के लिए काम करना चाहिए, लेकिन उनकी तानाशाही को पूरा देश देख रहा है।
वहीं, ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक जेल में इसलिए रखा गया, क्योंकि उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया। जहां भाजपा की सरकार अन्य राज्यों में सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है, वहीं दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का नीति आयोग भी मानता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के अन्य राज्यों के सरकारी स्कूलों से बेहतर हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने इसी वजह से मनीष सिसोदिया को सजा दी, पीएमएलए जैसे कानूनों में संशोधन करके बिना किसी ठोस सबूत के केवल बयानबाजी के आधार पर उन्हें जेल में रखा। इसी तरह, बिना सबूत के अरविंद केजरीवाल भी जेल में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था कि उनके खिलाफ एक चवन्नी भर का भी सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद उन्हें जेल में रखा गया है क्योंकि वे ईमानदार नेता हैं और ईमानदारी के साथ शासन चलाते हैं। मोदी जी के पास आज इस ईमानदारी का कोई तोड़ नहीं है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी की दोष सिद्धि दर 0.5 प्रतिशत से भी कम है। आज देश की यह प्रमुख जांच एजेंसी भाजपा के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। यह एजेंसी आज तक कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाई और आगे भी ऐसा नहीं कर पाएगी, क्योंकि हमारे नेताओं ने कोई अपराध नहीं किया है। भाजपा का मकसद केवल अरविंद केजरीवाल के ईमानदार शासन के मॉडल को रोकना है, जो हम नहीं होने देंगे। आम आदमी पार्टी को कुचलने की भाजपा की यह कोशिश हमेशा से रही है, लेकिन यह संभव नहीं होगा क्योंकि हमारे साथ भगवान और सच्चाई है।
प्रियंका कक्कड़ ने बताया कि कुछ दिनों पहले लाजपत नगर में ईडी के एक अधिकारी को 60 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, और इससे पहले केरला में भी एक अधिकारी पकड़ा गया था। इन जांच एजेंसियों में भ्रष्ट अधिकारियों की भरमार है जो केवल मोदी सरकार की गुलामी कर रहे हैं। सरथ रेड्डी से 60 करोड़ की रिश्वत लेकर उसे भी छोड़ दिया गया। क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए? मनीष सिसोदिया और दिल्ली के 17 महीने बर्बाद हुए, तो क्या सरथ रेड्डी पर जांच नहीं होनी चाहिए? यह पैसे किसको गए, कैसे गए, और किस-किस तक पहुंचे, इसकी भी जांच होनी चाहिए। भ्रष्ट लोगों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को बिना सबूत के महीनों तक जेल में रखने की जवाबदेही तय होनी चाहिए। अगर सरकार के पास जांच एजेंसियां हैं, तो उन्हें अच्छे काम करने वाले विपक्षी नेताओं को जेल में नहीं डालना चाहिए।