नई दिल्ली,15 अक्टूबर (The News Air): भारत और कनाडा के रिश्ते एक बार फिर तल्ख हो गए हैं। उच्चायुक्तों और राजनयिकों को वापस बुलाए जाने के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रूडो का कहना है कि सुरक्षा अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ बार-बार काम करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने यह सोचकर ‘गलती’ कर दी कि कनाडा के नागरिकों के खिलाफ आपराधिक गतिविधियां कर सकते हैं।
ट्रूडो ने कहा, ‘जैसा की रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस आयुक्त ने पहले कहा थ कि उनके पास इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि भारत सरकार ऐसी गतिविधियों में शामिल है, जो जनता की सुरक्षा कि लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं। इनमें जानकारी जुटाने के तरीके, दक्षिण एशियाई कनाडाई के खिलाफ बलपूर्वक व्यवहार और हत्या समेत दर्जनों धमकीभरे और उल्लंघन करने वाले कामों में शामिल हैं। यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘RCMP और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की तरफ से भारत सरकार और कानून व्यवस्था के साथ मिलकर काम करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने बार-बार इससे इनकार कर दिया। यह वजह है कि इस वीकेंड कनाडाई अधिकारियों ने RCMP के सबूतों के भारतीय अधिकारियों से मिलकर देने का असामान्य कदम उठाया, जिसमें भारत सरकार के 6 एजेंट्स पर्सन ऑफ इंटरेस्ट हैं। भारत सरकार से बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी उन्होंने सहयोग नहीं करने का फैसला किया।’
ट्रूडो ने कहा, ‘भारत सरकार ने यह सोचने की मौलिक गलती कर दी कि वे यहां कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिकों के खइलाफ आपराधिक गतिविधियों का समर्थन कर सकते हैं। फिर चाहे वो हत्या हो या जबरन वसूली हो। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है…। RCMP ने आज खुलकर सामने आने और संदिग्ध और अवैध तरीके से जानकारी जुटाने के पैटर्न को रोका।’ उन्होंने यह भी कहा कि बाद में इस जानकारी को आपराधिक संगठनों तक बढ़ा दिया जाता था।
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद वे कनाडा के नागरिकों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करते थे। कोई भी देश और खासतौर से लोकतांत्रिक अपनी संप्रभुता के इस मौलिक उल्लंघन को स्वीकार नहीं कर सकता है। कनाडा भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता को पूरी तरह स्वीकार करता है और सम्मान करता है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी कनाडा के मामले में ऐसा ही करे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’
पीएम मोदी से मीटिंग का जिक्र
ट्रूडो ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने बीते सप्ताह पीएम मोदी से बात की तो, मैंने उन्हें बताया कि इस सप्ताह सिंगापुर में हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक कितनी अहम होने वाली है। वह मीटिंग के बारे में जानते थे और मैंने जोर देकर कहा कि बैठक को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है।’
कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाए हैं। कनाडा में जारी आपराधिक गतिविधियों की जांच को लेकर भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई अधिकारियों के नाम का जिक्र किया गया। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई और कनाडा को जवाब देने की बात कही है। फिलहाल, भारत और कनाडा दोनों ने ही 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
कौन हैं संजय कुमार वर्मा
28 जुलाई 1965 में जन्मे वर्मा ने पटना यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है। यहां से ग्रेजुएट होने के बाद वह फिजिक्स में पीजी डिग्री के लिए दिल्ली IIT इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंचे। उनकी पत्नी का नाम गुंजन वर्मा और दोनों का एक बेटा और एक बेटी हैं। भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वर्मा को IT, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर डिप्लोमेसी में खासी दिलचस्पी है।
उन्होंने साल 1988 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कदम रखा था। वह हांगकांग, चीन, वियतनाम, तुर्किए, मिलान (इटली) में सेवाएं दे चुके हैं। वह, सुडान में भारतीय राजदूत रहे। सुडान के बाद वह विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव और बाद में अतिरिक्त सचिव भी बने। कनाडा पहुंचने से पहले वह जापान और मार्शल आईलैंड में भारत के राजदूत रहे।
भड़का विदेश मंत्रालय
भारत ने भारतीय उच्चायुक्त वर्मा के खिलाफ आरोपों को ‘मनगढ़ंत’ और ‘बेतुका’ बताते हुए इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कल कनाडा से एक ‘राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक मामले के सिलसिले में चल रही जांच की ‘निगरानी’ में हैं’। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हमें उनकी सुरक्षा की मौजूदा कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।’
क्या था मामला
सोमवार को कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई अन्य अधिकारियों के नाम का जिक्र खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच पर चर्चा के दौरान किया। इसके जवाब में भारत ने वर्मा को वापस बुलाने और कनाडा के अन्य राजनयिकों को वापस भेजने का ऐलान किया। सभी को इस सप्ताह के अंत तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।