कोलकाता (The News Air): पश्चिम बंगाल में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर जारी मतगणना के शुरुआती रुझान में तृणमूल कांग्रेस ने बढ़त हासिल कर ली है। ग्राम पंचायत की 2,229 सीट पर उसके उम्मीदवार आगे हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) 664 सीट पर आगे है। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 460 से अधिक ग्राम पंचायत सीट पर, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 168 सीट पर आगे है। एसईसी के अधिकारियों ने बताया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ग्राम समितियों की 28 सीट पर भी आगे है। वहीं बीजेपी नेता ने आरोप लगया कि भाजपा को ज़्यादा वोट मिल रहे हैं तो सारे एजेंट को बाहर कर दिया गया।
फिर मतदान की मांग
बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि धनियाखली विधानसभा में सुबह से हमारे बीजेपी के काउंटिंग एजेंट काउंटिंग सेंटर में मौजूद थे लेकिन जब उन्हें(तृणमूल) पता चला कि बैलेट बॉक्स खुलने पर भाजपा को ज़्यादा वोट मिल रहे हैं तो सारे एजेंट को बाहर कर दिया गया और उसके बाद बाहरी लोग काउंटिंग सेंटर में घुस गए। महिलाओं के साथ मारपीट की गई, कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई। हमारी मांग है कि इस विधानसभा में फिर मतदान होने चाहिए।
एक निर्वाचन अधिकारी ने एक मीडिया एजेंसी को बताया कि ये अनौपचारिक आंकड़े हैं, हम बाद में आधिकारिक घोषणा करेंगे। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह से मतगणना शांतिपूर्वक तरीके से जारी है। 22 जिलों में करीब 339 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में करीब 74,000 सीट पर पंचायत चुनाव हुए थे। सबसे अधिक 28 मतगणना केंद्र दक्षिण 24 परगना जिले में है जबकि सबसे कम चार मतगणना केंद्र कलिम्पोंग में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना के अगले दो दिन जारी रहने की उम्मीद है। मतों की गिनती और नतीजे आने में वक्त लगेगा। सभी मतगणना केंद्रों पर राज्य पुलिस तथा केंद्रीय बलों के सशस्त्र कर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतगणना केंद्र के बाहर आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 लागू की गई है।
22 जिलों में कुल 767 स्ट्रांगरूम बनाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयी, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए। शनिवार को हुए चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था।
राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है। राज्य में 2003 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान 76 लोगों की मौत हो गयी थी जिसमें से करीब 40 लोगों की मौत मतदान वाले दिन हुई थी। बहरहाल, इस बार विपक्ष ने 90 प्रतिशत से अधिक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। 2018 के पंचायत चुनाव में तृणमूल ने 34 प्रतिशत सीट पर निर्विरोध चुनाव जीता था। उस समय तृणमूल ने 90 प्रतिशत सीट पर जीत दर्ज की थी।






