नेशनल डेस्क : केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड से तबाही मची हुई है। वायनाड (Wayanad Landslide) में 29 जुलाई की देर रात में अचानक से तेज आवाज के साथ चट्टानें और जमीनें धंस गई। इसकी चपेट में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा जैसे कई गांव आ गए हैं। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां ही नहीं कई रहवासी भी बह गए हैं। अब तक 267 लोगों की जान चली गई है। वहीं, हिमाचल (Himachal Landslide) में कुल्लू और मंडी में मूसलाधार बारिश और बादल फटने से भूस्खलन हुआ, जिसमें 4 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। इससे पहले भी भारत में कई बार लैंडस्लाइड हुए, जिनमें खूब तबाही मची।
देश में 5 सबसे खतरनाक लैंडस्लाइड
1. केदारनाथ (उत्तराखंड)
साल 2013 में हिमालयी राज्य उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश तबाही लेकर आई। इसकी वजह से केदारनाथ समेत कई जगह खतरनाक भूस्खलन हुए, जिससे भयानक मंजर देखने को मिला। इस लैंडस्लाइड में 5,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 4,200 से ज्यादा गांव पानी में बह गए थे। कई लोगों का तो आजतक पता नहीं चल पाया है।
2. दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)
4 अक्टूबर, 1968 को दार्जिलिंग में उस वक्त तबाही मच गई, जब बाढ़ की वजह से बड़ा और भयानक भूस्खलन हुआ। इससे 60 किलोमीटर तक लंबा नेशनल हाइवे-91 दो टुकड़ों में बंट गए। इस लैंडस्लाइड में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि चाय के बागान, कई घर और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था।
3. गुवाहाटी (असम)
सितंबर, 1948 में असम के गुवाहाटी में भयंकर बारिश हुई। जिसकी वजह से बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं। इसमें एक गांव पूरी तरह खत्म हो गया। 500 से ज्यादा लोग मारे गए और भारी नुकसान हुआ।
4. मापला गांव (उत्तर प्रदेश)
अगस्त, 1998 में अविभाजित उत्तर प्रदेश (यूपी+उत्तराखंड) में 7 दिनों तक लगातार जोरदार बारिश होती रही थी। जिसकी वजह से भूस्खलन हुए। एक गांव पूरी तरह तबाह हो गया और 380 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
5. मालिन, (महाराष्ट्र)
30 जुलाई, 2014 को महाराष्ट्र के मालिन गांव में भारी बारिश और भूस्खलन तबाही लेकर आया। इसमें 151 लोग मारे गए थे, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए। इस तबाही ने वहां के लोगों से सबकुछ छीन लिया था।