चंडीगढ़ (Chandigarh), 14 जनवरी (The News Air): हरियाणा के विदेशी सहयोग मंत्री राव नरबीर सिंह (Rao Narbir Singh) ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए डंकी (Donkey Route) जैसे शॉर्टकट्स का सहारा न लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे अवैध तरीकों से विदेश भेजने वाले कबूतरबाजों पर कड़ी नजर रख रही है और इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कबूतरबाजी से बचने के लिए सरकार का अहम कदम : मंत्री ने बताया कि युवा अक्सर विदेश जाने के सपने में अवैध एजेंटों के चंगुल में फंस जाते हैं, जिससे उन्हें शारीरिक, आर्थिक और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने विदेशी सहयोग विभाग (Foreign Cooperation Department) का गठन किया है।
यह विभाग न केवल युवाओं को वैध तरीके से विदेश जाने में मदद करता है बल्कि उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अन्य देशों में रोजगार के लिए जरूरी कौशल और विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
अरब देशों में रोजगार के बढ़ते अवसर : मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि अरब देशों (Gulf Countries) में ड्राइवर, प्लंबर, राजमिस्त्री और भवन निर्माण से जुड़े अन्य कार्यों के लिए बड़ी मांग है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने युवाओं को इन कार्यों के लिए प्रशिक्षित करने और उन्हें वैध एजेंसियों से प्रमाणित करवाने की सुविधा दी है।
इसके अलावा, हरियाणा सरकार कौशल रोजगार निगम (Skill Employment Corporation) के माध्यम से युवाओं को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दे रही है। इस पोर्टल के जरिए वे वैध तरीके से विदेश में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
डंकी रूट के खतरों पर जोर : मंत्री ने डंकी रूट (Donkey Route) के खतरों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस अवैध तरीके से विदेश जाने वाले युवाओं को शारीरिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे वैध तरीकों से ही अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए मार्गदर्शन लें।
सरकार की नई नीति और ट्रेनिंग प्रोग्राम : हरियाणा सरकार ने युवाओं को विदेशी भाषाओं में दक्ष बनाने और उन्हें विदेश की जरूरतों के अनुसार कौशल प्रदान करने के लिए एक नई नीति बनाई है। इसके तहत:
- विदेशी भाषा की ट्रेनिंग: युवाओं को उन देशों की भाषाएं सिखाई जाएंगी जहां वे रोजगार के लिए जाना चाहते हैं।
- सरकारी खर्च पर प्रशिक्षण: भाषा और कौशल ट्रेनिंग के लिए आने वाला सारा खर्च सरकार वहन करेगी।
- पंजीकरण पोर्टल: युवाओं के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल खोला गया है, जहां वे अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
हरियाणा सरकार युवाओं को वैध तरीके से विदेश भेजने और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। डंकी जैसे अवैध तरीकों से बचने के लिए अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए और सरकार द्वारा बनाए गए कौशल और भाषा प्रशिक्षण प्रोग्राम का लाभ उठाना चाहिए। यह कदम न केवल युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करेगा बल्कि हरियाणा को कौशल और रोजगार के क्षेत्र में एक नई पहचान भी देगा।