Punjab Police War Against Drugs : पंजाब को नशा मुक्त बनाने के संकल्प के साथ Punjab Police ने साल के आखिरी दिन बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य भर में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर चल रहे विशेष अभियान के 305वें दिन पुलिस ने 335 स्थानों पर दबिश दी और 117 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
नशे के खिलाफ 305वां दिन: पुलिस का कड़ा प्रहार
पंजाब में नशे के सौदागरों के खिलाफ छिड़ी जंग अब निर्णायक मोड़ पर है। मंगलवार को पुलिस की अलग-अलग टीमों ने एक साथ राज्य भर में जाल बिछाया। इस दौरान पुलिस ने 91 एफआईआर (FIR) दर्ज कीं। पुलिस की मुस्तैदी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल एक दिन में 1.2 किलो हेरोइन, 1 किलो गांजा, 5 किलो भुक्की और 536 नशीली गोलियां व कैप्सूल बरामद किए गए हैं। इसके अलावा तस्करों के पास से 11,860 रुपये की ‘ड्रग मनी’ भी जब्त की गई है।
42 हजार से ज्यादा तस्कर अब तक गिरफ्तार
यह अभियान केवल एक दिन की कार्रवाई तक सीमित नहीं है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 305 दिनों में पंजाब पुलिस ने कुल 42,657 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह आंकड़ा बताता है कि पुलिस प्रशासन नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए किस हद तक गंभीर है। आज के ऑपरेशन में 75 राजपत्रित अधिकारियों (Gazetted Officers) की निगरानी में 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 120 टीमों ने हिस्सा लिया। दिन भर चले इस अभियान में 339 संदिग्ध व्यक्तियों की भी गहनता से जांच की गई।
‘इलाज और पुनर्वास’ पर भी जोर
पुलिस केवल डंडा नहीं चला रही, बल्कि भटक चुके लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम भी कर रही है। सरकार की तीन-स्तरीय रणनीति (इन्फोर्समेंट, डी-एडिक्शन और प्रीवेंशन – EDP) के तहत पुलिस ने आज एक मानवीय पहल भी की। पुलिस टीमों ने 52 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जो नशे की गिरफ्त में थे और उन्हें नशा छोड़ने व पुनर्वास केंद्र में इलाज करवाने के लिए राजी किया। यह कदम नशे की मांग (Demand) को कम करने की दिशा में अहम है।
विश्लेषण: सप्लाई चेन पर चोट और सामाजिक सुधार का संगम
एक वरिष्ठ संपादक के नजरिए से देखें तो पंजाब सरकार की यह रणनीति केवल पुलिसिंग तक सीमित नहीं है। वित्त मंत्री Harpal Singh Cheema की अगुवाई वाली कैबिनेट सब-कमेटी की निगरानी में चल रहा यह अभियान ‘सप्लाई’ और ‘डिमांड’ दोनों पर चोट कर रहा है। जहां एक तरफ 117 तस्करों की गिरफ्तारी कानून का डर पैदा करती है, वहीं 52 लोगों को इलाज के लिए भेजना यह संदेश देता है कि सरकार नशे के पीड़ितों के साथ खड़ी है। यह संतुलित दृष्टिकोण ही पंजाब को नशा मुक्त बनाने की कुंजी साबित हो सकता है।
आम आदमी पर असर
जब नशा तस्कर जेल जाते हैं और नशीले पदार्थ पकड़े जाते हैं, तो गलियों और मोहल्लों में सुरक्षा का माहौल बनता है। आम जनता, विशेषकर माता-पिता के लिए यह राहत की खबर है कि प्रशासन उनके बच्चों को नशे की दलदल से बचाने के लिए सक्रिय है। नशा कम होने से अपराध दर में भी कमी आने की संभावना बढ़ती है।
जानें पूरा मामला
क्या है पृष्ठभूमि: पंजाब के मुख्यमंत्री Bhagwant Mann ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंजाब को हर हाल में नशा मुक्त बनाना है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ (War Against Drugs) अभियान चलाया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए एक ठोस रणनीति बनाई है जिसे सख्ती से लागू किया जा रहा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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Punjab Police ने एक दिन में 335 जगहों पर छापेमारी कर 117 तस्करों को गिरफ्तार किया।
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ऑपरेशन के दौरान 1.2 Kg Heroin, 1 किलो गांजा और ड्रग मनी बरामद हुई।
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अब तक 305 दिनों में कुल 42,657 नशा तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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पुलिस ने 52 नशा पीड़ितों को इलाज और पुनर्वास के लिए तैयार किया।
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यह कार्रवाई EDP Strategy (Enforcement, De-addiction, Prevention) का हिस्सा है।








