Waqf Amendment Act 2025: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अप्रैल में लाए गए वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिस कानून का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने संसद से लेकर सड़क तक कड़ा विरोध किया था, अब उसी कानून को बंगाल में लागू करने के लिए ममता सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है।
‘विरोध के बाद अचानक बदला रुख’
इस साल अप्रैल में जब केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन किया था, तब ममता बनर्जी ने इसे ‘जनविरोधी’ बताते हुए साफ कहा था कि वह इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने सार्वजनिक मंचों से ऐलान किया था कि राज्य की 33% मुस्लिम आबादी के हितों की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन अब महीनों के विरोध के बाद, ममता सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और कानून को लागू करने के लिए बकायदा दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
‘वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण का फरमान’
ममता सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग ने एक आदेश जारी कर सभी जिला मजिस्ट्रेटों (DM) को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों की वक्फ संपत्तियों का विवरण केंद्रीय पोर्टल ‘umeedminority.gov.in’ पर अपलोड करें। राज्य सरकार ने इसके लिए 5 दिसंबर की डेडलाइन भी तय कर दी है।
विभाग के सचिव पीबी सलीम द्वारा भेजे गए पत्र के मुताबिक, राज्य में करीब 82,000 वक्फ संपत्तियां हैं। सरकार ने 8 बिंदुओं वाला एक विस्तृत प्रोग्राम जारी किया है, जिसके तहत अगले 6 महीनों के भीतर सभी रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा केंद्र के पोर्टल पर डालना अनिवार्य होगा।
‘राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज’
2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी के इस यू-टर्न को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह केंद्र के साथ किसी नए समीकरण की शुरुआत है या फिर कोई और रणनीतिक चाल?
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 में वक्फ बोर्ड और ट्रिब्यूनल में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने का अंतिम अधिकार सरकार के पास होने जैसे प्रावधान हैं, जिनका टीएमसी ने कड़ा विरोध किया था।
‘जानें पूरा मामला’
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पारित किया था। इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इसे लागू करने से मना कर दिया था, लेकिन अब बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देशों का पालन करने का फैसला किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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ममता सरकार ने वक्फ संशोधन कानून 2025 को बंगाल में लागू करने के निर्देश जारी किए।
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सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण 5 दिसंबर तक केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
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पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि वह इस कानून को बंगाल में लागू नहीं होने देंगी।
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राज्य में करीब 82,000 वक्फ संपत्तियां हैं जिनका डिजिटलीकरण किया जाएगा।
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2026 विधानसभा चुनाव से पहले ममता के इस यू-टर्न को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।






