Voter ID-Aadhaar Linking: भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) अब मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) को आधार (Aadhaar) से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने की तैयारी कर रहा है। यह पहल फर्जी और डुप्लीकेट वोटर्स को हटाने और मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने के मकसद से की जा रही है। इस संबंध में अगले हफ्ते गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), कानून मंत्रालय (Law Ministry) और आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई (UIDAI – Unique Identification Authority of India) के साथ एक अहम बैठक होने जा रही है।
पहले भी उठ चुका है यह मुद्दा
इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) में संशोधन के बाद चुनाव आयोग ने स्वेच्छा से मतदाताओं से आधार नंबर एकत्र करने शुरू किए थे। हालांकि, अब तक Voter ID और Aadhaar डेटाबेस को लिंक नहीं किया गया है।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया डुप्लीकेट वोटर पंजीकरण (Duplicate Voter Registration) की पहचान करने और मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए लाई गई थी। हालांकि, आधार से लिंक कराना अभी भी अनिवार्य नहीं किया गया है।
18 मार्च को होगी हाई-लेवल बैठक
इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar), चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) सुखबीर सिंह संधू (Sukhbir Singh Sandhu) और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी (Vivek Joshi), 18 मार्च को केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) गोविंद मोहन (Govind Mohan), विधायी विभाग के सचिव (Legislative Department Secretary) राजीव मणि (Rajiv Mani) और UIDAI के CEO भुवनेश कुमार (Bhuvnesh Kumar) से मुलाकात करेंगे।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब तृणमूल कांग्रेस (TMC – Trinamool Congress) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) सहित कुछ राज्यों में एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा उठाया है। चुनाव आयोग ने भी माना कि कुछ राज्यों में गलत अल्फान्यूमेरिक सीरीज (Alphanumeric Series) के कारण एक ही EPIC नंबर दोबारा जारी हो गए थे।
डुप्लीकेट Voter ID पर क्या बोले चुनाव आयोग?
चुनाव आयोग ने हाल ही में घोषणा की कि जिन मतदाताओं को डुप्लीकेट EPIC नंबर जारी हुए हैं, उन्हें अगले तीन महीनों के भीतर नए नंबर दिए जाएंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि—
- एक ही EPIC नंबर होने का मतलब यह नहीं कि मतदाता फर्जी हैं।
- हर मतदाता सिर्फ उसी निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाल सकता है, जहां वह पंजीकृत है।
Voter ID-Aadhaar लिंकिंग का क्या होगा फायदा?
- फर्जी वोटरों की पहचान होगी और मतदाता सूची अधिक पारदर्शी बनेगी।
- डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन रोका जाएगा, जिससे मतदाता सूची अधिक सटीक होगी।
- चुनाव में धांधली पर रोक लगेगी और ईमानदार मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित होगी।
क्या आधार से लिंकिंग होगी अनिवार्य?
फिलहाल, आधार से Voter ID लिंक करना स्वैच्छिक (Voluntary) है। लेकिन चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को अनिवार्य करने पर विचार कर सकता है। हालांकि, यह फैसला अगली बैठक में चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।
क्या होगा आगे?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो आने वाले चुनावों में फर्जी मतदाताओं की समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है। सरकार और चुनाव आयोग इस पहल को पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे हैं।