Voter Education: 7 चरणों के चुनाव में लगेंगे 44 दिन, जानें भारत में क्यों लगता है इतना अधिक समय

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Lok Sabha Elections 2024

नई दिल्ली, 26 मार्च (The News Air) भारत में इन दिनों लोकसभा चुनाव 2024 हो रहे हैं। सात चरणों में हो रहे इस चुनाव को पूरा होने में 44 दिन लगेंगे। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को और आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा। चार जून को नतीजे आएंगे। करीब 970 मिलियन भारतीय आम चुनाव में वोट डालने के योग्य हैं। यह पूरी दुनिया की आबादी का करीब 10 फीसदी है। भारत जितने बड़े स्तर पर दुनिया के किसी देश में चुनाव नहीं होता।

चुनाव कराने में इतना अधिक समय क्यों लगता है? : भारत में चुनाव कराने में बहुत अधिक समय लगने के दो मुख्य कारण हैं। पहला है भारत का विशाल आकार और दूसरा है दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश होना। आम चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को पूरे देश में चुनाव कराने होते हैं। इसके लिए बहुत बड़े स्थर पर लॉजिस्टिक्स की जरूरत होती है। चुनाव आयोग की कोशिश होती है कि हर मतदाता वोट डाल सके। इसके लिए घने जंगल से लेकर ऊंचे पहाड़ तक हर जगह पोलिंग बूथ बनाए जाते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में आम चुनाव के लिए मतदान की अवधि में उतार-चढ़ाव आया है। ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद भारत में पहला आम चुनाव 1951-1952 में हुआ था। उस समय मतदान पूरा होने में लगभग चार महीने लगे थे। वहीं, 1980 में चुनाव सिर्फ चार दिन में हुए थे। 2019 में मतदान कराने में 39 दिन लगे। वहीं, 2024 में इसमें 44 दिन लगने वाले हैं। यह भारत का दूसरा सबसे लंबा चुनाव है।

भारत में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या करीब 969 मिलियन है। भारत के मतदाताओं की संख्या यूरोपियन यूनियन के सभी देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। आम चुनाव लोकसभा की 543 सीटों पर होते हैं। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र प्रशासित प्रदेश हैं। इन सभी जगहों में सात फेज में चुनाव होने हैं।

हर 2 किलोमीटर में बनाया जाएगा पोलिंग बूथ : भारत में चुनाव कराना भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) का काम है। चुनाव आयोग द्वारा हर दो किलोमीटर में एक पोलिंग बूथ बनाया जा रहा है ताकि किसी वोटर को मतदान के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़े। चुनाव अधिकारियों को यह तय करने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है कि एक भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित नहीं रहे। चुनाव कार्य के लिए करीब 150 लाख चुनाव अधिकारियों और सुरक्षा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इन्हें कभी-कभी नाव, पैदल और यहां तक कि घोड़े पर भी सवार होकर चुनाव कराने जाना पड़ता है।

2019 के आम चुनाव के समय मतदान अधिकारियों की एक टीम ने चार दिनों तक 480 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की ताकि चीन की सीमा से लगे सुदूर राज्य अरुणाचल प्रदेश के एक गांव के लोग अपने वोट डालने के अधिकार का प्रयोग कर सकें। 2019 में चुनाव अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश में 15,256 फीट की ऊंचाई पर बूथ स्थापित किया था। यह दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है।

2024 के आम चुनाव में भी देशभर के सुदूर स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। भारत में कई चरणों में चुनाव कराने की एक वजह सुरक्षा भी है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के हजारों जवानों को चुनाव के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात किया जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना होता है कि जवानों की उपलब्धता रहे। कई चरण में चुनाव कराने से जवानों के एक के बाद दूसरे राज्य में तैनात करने में आसानी होती है।

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