Ethiopian Volcano Ash Cloud इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हेलीगुब्बी पहाड़ में 12,000 साल से निष्क्रिय पड़ा एक ज्वालामुखी अचानक फट पड़ा। इस भीषण विस्फोट से राख का गुबार दो ही दिनों में अफ्रीका से चलकर 4000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए भारत तक आ गया है। लाल सागर पार करते हुए यह राख यमन, ओमान और पाकिस्तान के रास्ते दिल्ली तक पहुंची है, जिसने पहले से ही प्रदूषित राजधानी की हवा में एक और चुनौती खड़ी कर दी है।
विमानों के लिए खतरा, DGCA ने जारी की चेतावनी
राख से भरे ये बादल हवाई जहाज के इंजन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं, जिसके चलते कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा और कई देरी से चल रही हैं।
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इंजन पर असर: हवाई जहाज के इंजन का तापमान अधिक होता है, और उसमें राख पिघलकर पुरजों को खराब कर सकती है। यह पिघली हुई राख टरबाइन ब्लेड्स में चिपक जाती है।
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जहरीली हवा: ज्वालामुखी की राख में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और सीमित मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड भी घुली होती है। पहले से ही प्रदूषित दिल्ली की हवा में अब इस राख का घुलना एक नई चुनौती है।
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अधिकारियों का एक्शन: इस खतरे को देखते हुए, डीजीसीए (DGCA) ने चेतावनी जारी की है।
इंसानों ने प्रकृति पर विजय का भ्रम पाया
इस घटना को वैज्ञानिक और सामाजिक दोनों संदर्भों में देखा जा रहा है।
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एंथ्रोपोसिन: इस समय को एंथ्रोपोसिन (Anthropocene) कहा जाता है, जिसे समझने के लिए हम इस कालखंड को इंसानों के फितूर से प्रभावित मान सकते हैं। इंसान ने प्रकृति पर विजय प्राप्त करने का भ्रम पाया और धरती पर जो उत्पात मचाया, उसी से जलवायु संकट जैसी आपदाएं आई हैं।
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राजनीतिक बयानबाजी पर टिप्पणी: इस शक्ति को देखते हुए कुछ राजनीतिक बयानों पर भी टिप्पणी की गई। जहां कुछ नेता (अमित शाह) 5 साल में बाढ़ मुक्त क्षेत्र बनाने की बात करते हैं, वहीं यह ज्वालामुखी साबित करता है कि प्रकृति की शक्ति के आगे मानव कुछ भी नहीं है।
पृथ्वी की प्लेटें क्यों हो रही हैं अलग?
यह ज्वालामुखी ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट जोन के मुहाने पर फटा है, जो पृथ्वी के भूगोल से जुड़ी एक बड़ी घटना है।
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भूगर्भीय कारण: यह वह इलाका है जहां अफ्रीकन प्लेट धीरे-धीरे दो हिस्सों में बंट रही है। प्लेटों के दूर खिसकने के कारण लावा के निकलने के लिए जगह बनती है, जिससे इस जोन में दुनिया के कई ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
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स्थानीय नुकसान: स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्वालामुखी फटा तो उन्हें लगा कि कोई बहुत बड़ा बम फटा है। राख की चादरें बिछने से मवेशियों के चरने की जगहें खत्म हो गईं, जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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इथियोपिया का हेलीगुब्बी ज्वालामुखी 12,000 साल बाद फटा है, जिसकी राख 2 दिन में अफ्रीका से चलकर भारत (दिल्ली) तक आ गई है।
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हवाई जहाज के इंजन में राख पिघलकर टरबाइन ब्लेड्स को खराब कर सकती है, इसलिए डीजीसीए ने विमानों के लिए चेतावनी जारी की।
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यह ज्वालामुखी ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट जोन में है, जहां अफ्रीकन प्लेटें दो हिस्सों में बंट रही हैं।
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राख में सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें घुली हैं, जो दिल्ली के मौजूदा प्रदूषण संकट को और बढ़ा रही हैं।






