Vladimir Putin India Visit 2025: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं। दो दिवसीय इस दौरे के लिए भारत में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुतिन की सुरक्षा का स्तर इतना ऊंचा है कि उनके आने से पहले ही रूसी सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम भारत पहुंच चुकी है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था किसी किले से कम नहीं होती, खासकर जब वे विदेश दौरे पर होते हैं। उनकी सुरक्षा में लगे प्रोटोकॉल आम राष्ट्रअध्यक्षों से काफी अलग और हैरान करने वाले हैं।
भारत दौरे के मायने: मजदूरों को लेकर बड़ी डील संभव
पुतिन के इस भारत दौरे को रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच इजराइल की तर्ज पर मजदूरों को लेकर एक बड़ा समझौता हो सकता है। दोनों देश सामाजिक और श्रमिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर जोर देंगे। दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध में हजारों युवाओं की जान गंवा चुका है और देश में घटती आबादी व जन्मदर के चलते वहां कामगारों की भारी किल्लत हो गई है।
रूस की योजना 10 लाख विदेशी मजदूरों की भर्ती करने की है और इसमें भारत एक प्रमुख स्रोत हो सकता है। रूसी श्रम मंत्रालय का अनुमान है कि 2030 तक देश में मजदूरों की कमी 31 लाख तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, मार्च 2024 में मॉस्को में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से रूस मध्य एशिया के करीब 7 लाख मजदूरों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, ऐसे में भारतीय कामगारों के लिए वहां नए अवसर खुल सकते हैं।
अदृश्य सेना और पोर्टेबल लैब
पुतिन की सुरक्षा सिर्फ हथियारों और कमांडो तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे जहां भी जाते हैं, उनसे पहले एक ‘अदृश्य सेना’ वहां पहुंच जाती है। ये सुरक्षाकर्मी आम लोगों और स्थानीय माहौल में इस कदर घुल-मिल जाते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। क्रेमलिन के अधिकारियों के अनुसार, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या और स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर हुए हमले के बाद पुतिन की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
उनकी सुरक्षा में लगी विशेष सेवाएं उनके जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करती हैं। सबसे खास बात यह है कि उनके काफिले के साथ एक पोर्टेबल प्रयोगशाला (Lab) हमेशा चलती है। इस लैब का काम उनके भोजन और पानी में जहर की जांच करना है। जांच के बाद जब लैब से हरी झंडी मिलती है, तभी पुतिन कुछ खाते या पीते हैं।
निजी रसोइया, राशन और पोर्टेबल टॉयलेट
पुतिन की सुरक्षा का आलम यह है कि वे विदेश यात्राओं के दौरान भी अपने निजी रसोइए के हाथ का बना खाना ही खाते हैं। यह रसोइया हमेशा उनके साथ यात्रा करता है। यहां तक कि खाने-पीने का सामान, जैसे कि किराना और पानी भी रूस से ही लाया जाता है। इन सभी चीजों की भी कड़ी जांच होती है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रूसी राष्ट्रपति अपनी विदेश यात्राओं में अपना ‘पोर्टेबल टॉयलेट’ भी साथ लेकर चलते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि विदेशी धरती पर उनके शरीर का कोई भी अपशिष्ट पदार्थ (Waste) न छूटे। इसके पीछे की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा है। माना जाता है कि अगर राष्ट्रपति के अपशिष्ट पदार्थ किसी विदेशी एजेंसी के हाथ लग जाएं, तो उनकी जांच से पुतिन के स्वास्थ्य से जुड़ी गोपनीय जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को दो दिवसीय भारत दौरे पर आएंगे।
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भारत और रूस के बीच मजदूरों को लेकर बड़ी डील होने की संभावना है।
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पुतिन की सुरक्षा के लिए उनके आने से पहले ही रूसी टीम भारत पहुंच चुकी है।
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उनके भोजन की जांच के लिए साथ में एक पोर्टेबल लैब चलती है।
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सुरक्षा कारणों से पुतिन विदेश यात्रा में अपना पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ रखते हैं।






