पेरिस ओलंपिक 2024 से भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई किया गया है. 50 किलो वर्ग के फाइनल मुकाबले में पहुंचने वालीं विनेश फोगाट का वजन ओलंपिक में तय मानकों से अधिक पाया गया था. इसको देखते हुए उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया है. विनेश फोगाट का वजन मंगलवार रात 2 किलो ज्यादा पाया गया था. उनका वेट 52 किलो था. स्पोर्ट्स स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक विनेश फोगाट ने अपना वजन कम करने के लिए बाल और नाखून तक काट लिए. उन्होंने खून भी निकाला लेकिन वह फिर भी 50 किलो, 150 ग्राम तक ही पहुंच पाईं और देश की गोल्ड मेडल की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
अब कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या खून निकालने से वजन कम हो सकता है. अगर इससे वेट कम होता है तो इसके लिए कितना खून निकाला जा सकता है और कितना खून निकालने से कितना वजन कम हो सकता है. यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
क्या खून निकालने से वजन कम होता है?
सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि ब्लड निकालने या ब्लड डोनेट करने से वजन कम हो सकता है, लेकिन यह कुछ घंटे के लिए ही होता है. उदाहरण के तौर पर अगर खून निकाला और तुरंत वजन नापा तो एक यूनिट खून निकालने से 300 से 400 ग्राम वजन कम हो सकता है, लेकिन अगर आज ब्लड डोनेट किया और कल वजन नापा तो वजन में कोई कमी नहीं आएगी.
डॉ किशोर बताते हैं कि खून निकालने से वजन 6-12 घंटे के लिए कम हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कितना भी ब्लड निकाल लें. व्यक्ति के शरीर से एक बार में एक यूनिट खून निकल सकता है. एक यूनिट में करीब 350 मिलीग्राम ब्लड होता है. ऐसे में अगर वजन तुरंत कम करने के लिए कोई अपना खून निकालता भी है तो हद से हद 400 ग्राम वजन ही कम हो पाएगा.
ब्लड निकालने से वजन क्यों कम होता है?
डॉ किशोर बताते रहे हैं कि जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो इसमें शरीर से कैलोरी बर्न होती है. शरीर नया खून बनाने और रेड बल्ड सेल्स का निर्माण करने के लिए एनर्जी का काफी यूज करता है. इससे कैलोरी बर्न होती है और वजन कम होता है, लेकिन यह कुछ ही घंटों के लिए रहता है. जैसे ही शरीर में ब्लड फिर से बन जाता है तो वजन पहले जितना ही हो जाता है.
इसलिए ऐसा नहीं होता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से ब्लड डोनेट करता है तो उसका वजन कम हो जाए. वजन कम करने के लिए खून निकलाना बेहतर विकल्प भी नहीं है. ऐसा करना भी है तो यह डॉक्टरों की निगरानी में होना चाहिए. खून निकालने से शरीर पर असर पड़ सकता है. इससे तबीयत बिगड़ने का भी रिस्क होता है. अगर शरीर में पानी की कमी है और ब्लड निकाला है तो भी इससे नुकसान हो सकता है






