Vikram Bhatt Arrested: बॉलीवुड के गलियारों से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मशहूर फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को 30 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धोखाधड़ी के आरोप में कानून के शिकंजे में ले लिया गया है। उदयपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 16 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
यह मामला बॉलीवुड की चमक-धमक के पीछे छिपे आर्थिक लेन-देन के विवादों को उजागर करता है। विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को सोमवार रात करीब 10 बजे उदयपुर लाया गया था, जिसके बाद मंगलवार को उन्हें जिला एवं सत्र न्यायालय की एसीजेएम-4 कोर्ट में पेश किया गया।
‘पुलिस रिमांड और कोर्ट की कार्यवाही’
पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें मामले की तह तक जाने के लिए आरोपियों से पूछताछ करनी है और हिसाब-किताब के कागजों की बराबरी करनी है। इसके लिए पुलिस ने 7 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी स्वीकार करते हुए विक्रम भट्ट और श्वेतांबरी भट्ट को 16 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। पुलिस को उम्मीद है कि इस दौरान पूछताछ में कई अहम राज खुलेंगे और वित्तीय गड़बड़ियों की परतें उधड़ेंगी।
‘विक्रम भट्ट की सफाई: सिर्फ एक गलतफहमी’
जब कोर्ट ने विक्रम भट्ट से इस पूरे मामले के बारे में पूछा, तो उन्होंने बहुत ही नपा-तुला जवाब दिया। उन्होंने सिर्फ एक लाइन में कहा कि यह एक “मिसअंडरस्टैंडिंग” (गलतफहमी) है। वहीं, उनके वकील जयकिशन दवे ने मीडिया को बताया कि वे न्यायालय और पुलिस को पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और न ही झूठ बोलने की कोई आवश्यकता है।
वकील के मुताबिक, यह पूरा मामला केवल अकाउंट्स (हिसाब-किताब) का है। उन्होंने दावा किया कि किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा गलतफहमी पैदा की गई है। जैसे ही अकाउंट्स का मिलान हो जाएगा, फरियादी के दिमाग से सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी। वकील ने तर्क दिया कि विक्रम भट्ट एक प्रतिष्ठित फिल्मकार हैं और वे कोई ठगी का काम नहीं करेंगे। फिल्मों के निर्माण में कई बार अनुमान से ज्यादा खर्चा (ओवरहेड एक्सपेंस) हो जाता है, जिससे डाउट पैदा हो सकता है।
‘अन्य आरोपियों की स्थिति’
इस हाई-प्रोफाइल मामले में सिर्फ विक्रम भट्ट ही नहीं, बल्कि उनके को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और एक वेंडर संदीप भी आरोपी हैं। सोमवार को उदयपुर कोर्ट में इनकी जमानत अर्जी पर भी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए महबूब अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जबकि वेंडर संदीप को सशर्त जमानत दे दी गई है। यह दर्शाता है कि कोर्ट इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
‘पुलिस की अगली रणनीति’
पुलिस अब रिमांड अवधि के दौरान विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी से दस्तावेजों के आधार पर सख्ती से पूछताछ करेगी। पुलिस वित्तीय लेनदेन की गहन जांच में जुट गई है। हालांकि, आरोपी पक्ष ने इस मामले को पहले ही जोधपुर हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है। लेकिन फिलहाल, भट्ट दंपती को पुलिस कस्टडी में ही सवालों का सामना करना होगा।
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा विवाद इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक डॉ. अजय मुंडिया के साथ हुई कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है। आरोप है कि विक्रम भट्ट और उनके सहयोगियों ने डॉ. मुंडिया के साथ 30 करोड़ रुपये की ठगी की है। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। बॉलीवुड से जुड़ा मामला होने के कारण यह तेजी से सुर्खियों में आ गया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेतांबरी को 16 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
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मामला डॉ. अजय मुंडिया से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है।
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विक्रम भट्ट ने इसे ‘गलतफहमी’ बताया और वकील ने अकाउंट्स के मिलान की बात कही।
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को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी।






