नई दिल्ली, 4 अगस्त (The News Air)
नए कृषि क़ानूनों को लेकर जारी गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ लगातार शिरोमणि अकाली दल और उनकी गठजोड़ पार्टी संसद के बाहर प्रदर्शन कर रही है। बुधवार को इस प्रदर्शन के दौरान संसद के गेट नंबर-4 पर कांग्रेसी संसद मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। इस दौरान नेताओं ने एक-दूसरे पर दबा कर निशाने साधे।
कांग्रेसी सांसद बिट्टू ने अकाली दल के प्रदर्शन को नौटंकी बताते कहा कि जब क़ानून पास हुए तो हरसिमरत कौर बादल मंत्री थी। क़ानून के पास होने के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया। अब झूठ बोल रही है कि मैं कैबिनेट में मंत्री नहीं थी। बिट्टू ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठी थी। इतना ही नहीं दो महीने लगातार अकाली दल ने बिल के हक़ में भी बात की। दूसरी ओर हरसिमरत कौर बादल ने अपनी सफ़ाई में ज़ोरदार नारे लगाते कहा कि यह बताए, राहुल गांधी ने इन क़ानूनों के लिए अभी तक क्या किया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर राजनैतिक पार्टियों के आमने-सामने होने की यह पहली घटना सामने आई है। इससे पहले सभी राजनैतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर भी बयानबाज़ी कर रहे थे। जून 2020 में जब कृषि बिल वास्तव में आया था उस समय पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने सबसे पहले इस का विरोध किया था। कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने इस बिल के विरोध में अकेले ही राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को मांग पत्र सौंपा था। उस समय अकाली दल एनडीए का हिस्सा होता था और हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री होती थी।