न्यूयॉर्क, 3 सितंबर (The News Air)
अमेरिका के न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी(New York, New Jersey) सहित कुछ शहरों के लिए बुधवार का दिन जैसे प्रलय बनकर सामने आया। यहां तूफ़ान इडा (Hurricane Ida) की चपेट में आकर 43 लोगों की मौत की ख़बर है। अमेरिकी सरकार ने इमरजेंसी लगाकर रेस्क्यू कार्य तेज़ किया है। हालात यह हैं कि यहां के कई इलाक़े अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि न्यूयॉर्क में बाढ़ और लुइसियाना(Louisiana) में तेज़ हवाओं के कारण यहां जलवायु संकट बना हुआ है।
भारी बारिश से नदियां उफनीं– गुरुवार को यहां भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसके बाद घरों में पानी भर गया। सड़कों पर गाड़ियां उतराते दिखीं। गुरुवार सुबह मेरीलैंड से कनेक्टिकट तक तूफ़ान की चपेट में आकर 43 लोगों की मौत हो गई। कुछ मीडिया यह संख्या 45 बता रहे हैं। अकेले पेंसिल्वेनिया में 5 लोगों की मौत हुई।
इडा तूफ़ान को देखते हुए न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासियो ने बुधवार देर रात को ही न्यूयॉर्क शहर में इमरजेंसी लगा दी थी। गवर्नर कैथी होचुल ने भी न्यूयॉर्क प्रांत के लिए स्टेट इमरजेंसी का ऐलान कर दिया था।
जलवायु परिवर्तन से बदल रहा मौसम का मिज़ाज- जलवायु परिवर्तन(climate change) के कारण मौसम का मिज़ाज लगातार बदल रहा है। भारत और दूसरे कई देशों में ऐसी बाढ़ आई हुई है, तो कहीं जंगल आग में धधक रहे हैं। जलवायु परिवर्तन (climate change) देश-दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। दुनियाभर के देश इस समस्या का सामना कर रहे हैं। कहीं रिकॉर्ड बारिश होने से बाढ़ आई हुई, तो कहीं गर्मी के कारण जंगल धधक रहे हैं। आशंका है कि आने वाला समय और मुसीबत वाला साबित होगा।
जुलाई में यूरोप से लेकर एशिया और नॉर्थ अमेरिका से लेकर रूस तक क़रीब 40 देशों में बाढ़ आई थी। इनमें चीन, न्यूज़ीलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड भी शामिल थे। जबकि कई देश सूखे और गर्मी हवाओं की मार झेलते रहे। हैरानी की बात है कि रूस का साइबेरिया; जहां हमेशा ठंड रहती है, वहाँ भी अब गर्मी पड़ने लगी है। मई 2021 में एक रिपोर्ट जारी की गई थी, इसमें क्लाइमेट चेंज के कारण जंगलों में लगती आग को लेकर चिंता जताई गई थी। जुलाई में साबेरिया के 216 जंगलों में आग लगी थी।