नई दिल्ली (New Delhi)16 जनवरी (The News Air): उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) 17 से 19 जनवरी, 2025 तक केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (Lakshadweep) की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है, जो लक्षद्वीप के विकास और सामाजिक समृद्धि को नई दिशा देने की ओर एक कदम है।
श्री धनखड़ इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक समारोहों में हिस्सा लेंगे और विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं (Public Projects) का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, 19 जनवरी को वह स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups – SHG) के सदस्यों और लाभार्थियों से मुलाकात करेंगे और उनकी उपलब्धियों व चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
लक्षद्वीप में विकास कार्यों पर फोकस : उपराष्ट्रपति की इस यात्रा को लक्षद्वीप के विकास में एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान वह उन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जो स्थानीय समुदाय (Local Community) के जीवनस्तर को बेहतर बनाने और इकोनॉमिक डेवलपमेंट (Economic Development) को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं।
लक्षद्वीप में यह दौरा न केवल बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के विकास को रेखांकित करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और छोटे व्यवसायों को सरकार की योजनाओं से अधिकतम लाभ मिले।
SHG और स्थानीय समुदाय से बातचीत : 19 जनवरी को उपराष्ट्रपति स्वयं सहायता समूह (Self-Help Groups) के सदस्यों से बातचीत करेंगे। इस दौरान वह SHG के सफल मॉडलों (Successful Models), उनकी चुनौतियों और आगामी योजनाओं पर चर्चा करेंगे। यह संवाद महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) अभियान को मजबूती प्रदान करेगा।
पर्यटन और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा : लक्षद्वीप अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, समुद्री संस्कृति और पर्यटन स्थलों (Tourist Spots) के लिए जाना जाता है। उपराष्ट्रपति की यह यात्रा क्षेत्र के पर्यटन (Tourism) को नई पहचान देने के साथ-साथ इसे ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन (Global Tourism Destination) के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को भी तेज करेगी।
सरकार की योजनाओं पर जोर : यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति सरकार द्वारा लक्षद्वीप के विकास के लिए शुरू की गई योजनाओं और उनके ग्रासरूट इम्पैक्ट (Grassroot Impact) की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के लिए सरकार की योजनाएं समावेशी विकास (Inclusive Development) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट (Sustainable Development) की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।