Russia Ukraine War: एक साल पहले 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का एलान करते हुए उस पर हमला कर दिया था. रूस के हमले के तुरंत बाद यूएस, ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर रूस का विरोध किया और बाकी देशों से भी ऐसा ही करने को कहा. रूस-चीन की नजदीकी के बाद बाइडेन ने कहा कि उनको अभी कर इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि चीन क्रेमलिन की मदद कर रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में चीन रूस का साथ देगा या नहीं. बाइडन ने आगे कहा, उन्होंने बीते साल इस मुद्दे पर अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से इस मामले पर लंबी बातचीत की थी.
‘कोई सबूत नहीं’-बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उन्होंने अभी तक ऐसा किया है. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने पत्रकारों से कहा है कि उसने चीन को रूस को हथियारों की आपूर्ति करते नहीं पाया है. पेंटागन के प्रेस सचिव वायु सेना ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि उन्नत क्षमताएं, हथियार रखने वाले चीन ने सार्वजनिक रूप से अपनी तटस्थता की घोषणा की है.
‘चीन ने की युद्ध विराम की अपील’
रूस के निकट सहयोगी चीन ने यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम और शांति वार्ता करने का शुक्रवार को आह्वान किया. उन्होंने परमाणु और जैविक हथियारों के इस्तेमाल के प्रति कड़ा विरोध जताया. इसके अलावा चीन ने यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करने और सुरक्षा को लेकर रूस की जायज चिंताओं को भी रेखांकित किया.
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, शत्रुता पर विराम लगना चाहिए. संघर्ष और युद्ध से किसी को लाभ नहीं होता. सभी पक्षों को तर्कसंगत रहना चाहिए और संयम बरतना चाहिए, आग को भड़काने और तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए और संकट को और बढ़ने या नियंत्रण से बाहर होने से रोकना चाहिए.






