UPSC Success Story: IFS अधिकारी कनिष्का सिंह ने दूसरे प्रयास में पाई थी सफलता,

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यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. अभ्यर्थियों को इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए पढ़ने में दिन-रात एक करनी होती है. इस परीक्षा में सफलता के साथ-साथ काफी मेहनत भी है. सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए और उसके बाद आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होने तैयारी के स्टेप्स को काफी महत्वपूर्ण बताया है. अपनी इस स्टोरी में हम आपको भारतीय विदेश सेवा आईएफएस की अधिकारी कनिष्का सिंह सागर की कहानी बताने वाले हैं. कैसे उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए किन- किन मुश्किलों का सामना किया.

कनिष्का सिंह सागर पहली बार यूपीएससी की पहले परीक्षा को पास नहीं कर पाई थी. फिर उसके बाद उन्होंने साल 2018 में दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में काफी रैंक से परीक्षा पास की. साथ ही ब्यूराक्रेट बनने की जगह डिप्लोमेट बनना पसंद किया. इस परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल करने के बाद कनिष्का ने आईएएस (IAS) की जगह आईएफएस (IFS) को चुना और ज्वॉइन किया. क्योंकि वो शुरु से ही भारतीय विदेश सेवा ज्वाइन करना चाहती थी. इस पोस्ट के लिए उन्होंने अपने परिवार और रिश्तेदारों को भी मनाना पड़ा था. क्योंकि उनके परिवार वाले ये नहीं चाहते थे.

कनिष्का सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं और लेडी श्रीराम कॉलेज से मनोविज्ञान की पढ़ाई की है. इसके अलावा वो डिप्लोमेट भी बनना चाहती थी. इसकी पढ़ाई करने के साथ- साथ उन्होंने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने सबसे पहले साल 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा दी थी. जिसमें वो सफल नहीं हो पाई थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत पर ज्यादा फोकस किया. अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा.

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