शहीद जय किशोर सिंह के भाई का कहना है कि डीएसपी मैम ने दौरा किया था और हमें 15 दिनों के भीतर मूर्ति हटाने के लिए कहा था। बाद में थाना प्रभारी हमारे घर आए और मेरे पिता को गिरफ्तार कर लिया और मारपीट भी की। मैं भी एक सशस्त्र बल का जवान हूं।
एसडीपीओ महुआ ने कहा कि 23 जनवरी को हरि नाथ राम की जमीन और जंदाहा में सरकारी जमीन पर मूर्ति लगाने को लेकर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में, प्रतिमा के चारों ओर दीवारें बनाई गईं। अवैध अतिक्रमण से भूस्वामियों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
15 जून, 2022 को गलवान घाटी में हुई झड़प में मारे गए जय किशोर सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया कि बिहार पुलिस ने दिवंगत सैनिक के पिता को उनके घर से खींचते हुए उन्हें गालियां दीं। हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जनदहा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई थी।
बता दें कि शिकायतकर्ता हरिनाथ राम और राजकपूर सिंह के बीच दो साल से जमीन विवाद चल रहा है। वहीं, लोगों का आरोप है कि बिहार सरकार की जमीन में प्रस्तावित शहीद सैनिक का स्मारक बनने से रोकने के लिए अनुसूचित जाति के हरिनाथ राम ने एससीएसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया था।